यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में कैल कचरा प्लांट पर कूड़े की प्रोसेसिंग के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार सामने आया है. कूड़े की प्रोसेसिंग ना करके उसे सीधा लाडवा किसी फैक्ट्री में डंप किया जा रहा था. शिकायतकर्ता ने एक्सईन को वीडियो दिखाकर कैल कचरा प्लांट का सच दिखाया और उन्हें मौके पर निरीक्षण के लिए बुलाया. नगर निगम के अधिकारी ने कहा नामी कंपनी पर पेनल्टी लगाई जाएगी.
यमुनानगर में कूड़ा घोटाला: यमुनानगर का कैल कचरा प्लांट फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार वजह है कूड़े की प्रोसेसिंग के नाम पर ठेकेदार की तरफ से लाखों करोड़ों रुपए की गड़बड़ी. कैल कचरा प्लांट में कूड़े की प्रोसेसिंग के नाम पर नगर निगम का ठेकेदार अधिकारियों की मिलीभगत के साथ गड़बड़ी का बड़ा खेल खेल रहा था. सच्चाई से पर्दा तब उठा जब शिकायतकर्ता चिराग सिंघल ने कैल कचरा प्लांट से कूड़े से भरे डंपर का एक वीडियो बनाया.
बिना प्रोसेसिंग के उठा रहे कूड़ा: वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि इस डंपर में कूड़ा भरा है. जबकि शर्त यह है कि कूड़े को प्रोसेसिंग के बाद उठाया जाएगा. शिकायतकर्ता ने बताया कि कैल कचरा प्लांट में कूड़े की प्रोसेसिंग के नाम पर लंबे समय से भ्रष्टाचार चल रहा है. यह बात नगर निगम अधिकारियों के संज्ञान में भी डाली. क्योंकि यहां कूड़े की प्रोसेसिंग ना कर सीधा कूड़ा उठाया जा रहा था.
ठेकेदारों को लाखों का फायदा: उन्होंने कहा कि प्रोसेसिंग किए हुए कूड़े के उठान के 2109 रुपए दिए जाते हैं. जबकि सीधा कूड़ा उठाया जा रहा था. जिस ठेकेदार को सीधे-सीधे लाखों करोड़ों-रुपए का फायदा हो रहा था. उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. चिराग सिंघल ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों को यह नहीं पता कि कौन सी मशीन चल रही है और कब चलती है. शिकायतकर्ता नगर निगम के एक्सईन को मौके पर लेकर पहुंचे और सच्चाई से रूबरू कराया. नगर निगम के एक्सईन विजय धीमान ने भी माना की भ्रष्टाचार हुआ है और हम इस नामी कंपनी पर पेनल्टी भी लगाएंगे.
भ्रष्टाचार में नगर निगम की मिलीभगत के भी आरोप: आपको बता दें कि नगर निगम ने कंपनी को पूरे शहर का कूड़ा उठाने से लेकर प्रोसेसिंग तक का ठेका दिया है और पूरे शहर का कूड़ा कैल कचरा प्लांट पर ही इकट्ठा किया जाता है. इसके लिए बकायदा नगर निगम ने लाखों रुपए की कई बड़ी मशीनें भी लगाई है. बावजूद इसके इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. क्या यह बात हजम हो सकती है कि यह नगर निगम की मिलीभगत से नहीं हो रहा है.
कर्मचारियों को निशाना बना रहे अधिकारी!: अब जब नगर निगम अधिकारियों की पोल खुल गई है, तो वह उस कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं. जो पहले ही छुट्टी लेकर अपने एक निजी प्रोग्राम में गया हुआ है. अधिकारियों को तो यहां तक नहीं पता कि यहां कौन सी मशीन है और किस वक्त इस्तेमाल की जाती है. अब जब बात खुद अधिकारी के ऊपर आए तो वह दूसरे कर्मचारियों को निशाना बनाने में लग गए हैं. अब देखना होगा नगर निगम कंपनी पर क्या एक्शन लेता है और प्रशासन में बैठे मुखिया इन निकम्मे और भ्रष्टाचार अधिकारियों को क्या सबक सिखाते हैं.
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