कोटा: गैंगस्टर शिवराज सिंह मंगलवार को कोटा न्यायालय में एडीजे पांच कोर्ट में अपने भाई बृजराज सिंह की हत्या के मुकदमे में गवाही देने के लिए पहुंचा. उसके आने की सूचना पर पुलिस सतर्क हो गई और न्यायालय परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई. उसके निवास खेडली फाटक से ही सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखा गया.
गैंगस्टर शिवराज करीब डेढ़ घंटे तक न्यायालय परिसर में मौजूद रहा. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद रही. इस दौरान बंदूकधारी कमांडो के साथ डीएसटी, आरएसी और स्थानीय पुलिस भी तैनात रही. शिवराज खुद भी भानु प्रताप की हत्या के मामले में आरोपी है. फिलहाल उसे जमानत मिली हुई है, इसीलिए वह जेल से बाहर है. उसके पहले कई बार वह पेशी पर जेल से ही आया था. इस मामले में भीमगंजमंडी थाना अधिकारी रामकिशन गोदारा का कहना है कि सुरक्षा नहीं दी गई है. एहतियातन पुलिस जाप्ता तैनात किया गया था.
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पांच आरोपियों को हो चुकी उम्र कैद: हाड़ौती में गैंगस्टर्स में वर्चस्व की लड़ाई के चलते भानु प्रताप गैंग ने बृजराज सिंह और उसके साथी जितेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. इस मामले में 2022 में पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, इसमें एक आरोपी सुमेर सिंह की गिरफ्तारी बाद में हुई थी. ऐसे में उसके खिलाफ न्यायालय में सुनवाई जारी है. इस हत्या का बदला भी शिवराज सिंह ने भानु प्रताप की हत्या कर लिया था.
यह घटनाक्रम उदयपुर जेल से झालावाड़ पेशी पर जाते समय हुआ था. गैंगस्टर शिवराज सिंह और उसके गुर्गों ने भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया थाना इलाके में अंधाधुंध फायरिंग कर भानु प्रताप को मौत के घाट उतार दिया था. फायरिंग में कमांडो प्रकाश और सोहनलाल की भी मौत हो गई थी. बताया जाता है कि गैंगस्टर शिवराज सिंह ने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था.