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बीकानेर में 12 साल में तैयार हुआ 108 सर्पों के फन पर बना गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर, आज से होगी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत - Gangeshwar Parshvanath Temple - GANGESHWAR PARSHVANATH TEMPLE

बीकानेर के शिवबाड़ी क्षेत्र में 12 साल में तैयार हुए गंगेश्वर पारसनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आज यानी गुरुवार से शुरू होगा. यह देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है जो सर्प के 108 फनों पर खड़ा है. इन फनों के नीचे भगवान पार्श्वनाथ की 108 प्रतिमाएं है.

GANGESHWAR PARSHVANATH TEMPLE
108 सर्पों के फन पर बना गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर (Photo : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 27, 2024, 11:41 AM IST

108 सर्पों के फन पर बना गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर (Video : Etv Bharat)

बीकानेर. शहर के शिवबाड़ी क्षेत्र में गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का पांच दिवसीय महोत्सव आज यानी 27 जून से शुरू होगा. अंजनशलाका और प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही है. गुजरात के मंदिरों में मिलने वाली द्रविड़ शैली में बना यह पार्श्वनाथ मंदिर कई मायनों में खास है.

महोत्सव की तैयारियों को संभाल रहे जिनेश्वर युवक परिषद के सचिव मनीष नाहटा बताते हैं कि इस मंदिर की विशेषता यह है कि देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है जो सर्प के 108 फनों पर खड़ा है. इन फनों के नीचे भगवान पार्श्वनाथ की 108 प्रतिमाएं है.

बनने में लगे 12 साल : नाहटा कहते हैं कि दिन-रात हजारों श्रमिकों ने मंदिर के जीर्णोद्वार के काम में 12 साल का समय लगाया. सफेद संगमरमर से बने मंदिर में उड़ीसा और सिरोही के कारीगरों ने बहुत ही बारीकी से नक्काशी का काम किया है. भगवान पार्श्वनाथ मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की 21 इंच की प्रतिमा के अलावा भगवान शांतिनाथ और नेमीनाथ की मूर्तियों की प्रतिष्ठा 30 जून को होगी.

Gangeshwar Parshvanath Temple
गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर को बनने में लगे 12 साल (Photo : Etv Bharat)

इसे भी पढ़ें : अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को बताया जल्दबाजी, कहा-अभी अधूरा है मंदिर - Avimukteshwaranand on Ram Mandir

Gangeshwar Parshvanath Temple
मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की 21 इंच की प्रतिमा (Photo : Etv Bharat)

देश विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे बीकानेर : खरतरगच्छ संघ के आचार्य पीयूष सागर के सानिध्य में होने वाले प्रतिष्ठा समारोह में जैन धर्म के 36 साधु-साध्वी शामिल होंगे. 70x70 के साइज में तैयार मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर जैन धर्म की वरघोड़ा यात्रा की झांकियां सजाई गई हैं. इस वरघोड़ा यात्रा में एक ओर जहां जैन साधु महात्मा खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर हाथी घोड़ों सहित आमजन और राजकुमार भी इसमें दिखाए गए हैं. मुसरफ ने बताया कि 18 जैन मुनि और 18 साध्वीवृंद के सानिध्य में सात शिखर वाले भगवान गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर का पांच दिवसीय अंजनशलाका व प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए देश-विदेश से श्रद्धालु बीकानेर पहुंचे हैं.

Gangeshwar Parshvanath Temple
देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है जो सर्प के 108 फनों पर खड़ा है (Photo : Etv Bharat)

आठ नई प्रतिमाएं भी होगी स्थापित : जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि प्राचीन गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ भगवान, भगवान शांतिनाथ और भगवान नेमीनाथ की पुरानी प्रतिमाएं दोबारा स्थापित की गई है. वहीं अब आदिनाथ भगवान, महावीर स्वामी, शंखेश्वर पार्श्वनाथ, नाकोड़ा पार्श्वनाथ, गौतम स्वामी, मणिधारी जिनचंद्रसूरिश्वरजी, माता पद्मावती, नाकोड़ा भैरव की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा 30 जून को होगी.

108 सर्पों के फन पर बना गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर (Video : Etv Bharat)

बीकानेर. शहर के शिवबाड़ी क्षेत्र में गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का पांच दिवसीय महोत्सव आज यानी 27 जून से शुरू होगा. अंजनशलाका और प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही है. गुजरात के मंदिरों में मिलने वाली द्रविड़ शैली में बना यह पार्श्वनाथ मंदिर कई मायनों में खास है.

महोत्सव की तैयारियों को संभाल रहे जिनेश्वर युवक परिषद के सचिव मनीष नाहटा बताते हैं कि इस मंदिर की विशेषता यह है कि देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है जो सर्प के 108 फनों पर खड़ा है. इन फनों के नीचे भगवान पार्श्वनाथ की 108 प्रतिमाएं है.

बनने में लगे 12 साल : नाहटा कहते हैं कि दिन-रात हजारों श्रमिकों ने मंदिर के जीर्णोद्वार के काम में 12 साल का समय लगाया. सफेद संगमरमर से बने मंदिर में उड़ीसा और सिरोही के कारीगरों ने बहुत ही बारीकी से नक्काशी का काम किया है. भगवान पार्श्वनाथ मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की 21 इंच की प्रतिमा के अलावा भगवान शांतिनाथ और नेमीनाथ की मूर्तियों की प्रतिष्ठा 30 जून को होगी.

Gangeshwar Parshvanath Temple
गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर को बनने में लगे 12 साल (Photo : Etv Bharat)

इसे भी पढ़ें : अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को बताया जल्दबाजी, कहा-अभी अधूरा है मंदिर - Avimukteshwaranand on Ram Mandir

Gangeshwar Parshvanath Temple
मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की 21 इंच की प्रतिमा (Photo : Etv Bharat)

देश विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे बीकानेर : खरतरगच्छ संघ के आचार्य पीयूष सागर के सानिध्य में होने वाले प्रतिष्ठा समारोह में जैन धर्म के 36 साधु-साध्वी शामिल होंगे. 70x70 के साइज में तैयार मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर जैन धर्म की वरघोड़ा यात्रा की झांकियां सजाई गई हैं. इस वरघोड़ा यात्रा में एक ओर जहां जैन साधु महात्मा खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर हाथी घोड़ों सहित आमजन और राजकुमार भी इसमें दिखाए गए हैं. मुसरफ ने बताया कि 18 जैन मुनि और 18 साध्वीवृंद के सानिध्य में सात शिखर वाले भगवान गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर का पांच दिवसीय अंजनशलाका व प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए देश-विदेश से श्रद्धालु बीकानेर पहुंचे हैं.

Gangeshwar Parshvanath Temple
देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है जो सर्प के 108 फनों पर खड़ा है (Photo : Etv Bharat)

आठ नई प्रतिमाएं भी होगी स्थापित : जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि प्राचीन गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ भगवान, भगवान शांतिनाथ और भगवान नेमीनाथ की पुरानी प्रतिमाएं दोबारा स्थापित की गई है. वहीं अब आदिनाथ भगवान, महावीर स्वामी, शंखेश्वर पार्श्वनाथ, नाकोड़ा पार्श्वनाथ, गौतम स्वामी, मणिधारी जिनचंद्रसूरिश्वरजी, माता पद्मावती, नाकोड़ा भैरव की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा 30 जून को होगी.

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