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गंगा सप्तमी पर काशी में हर हर गंगे, श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर उतारी आरती - Ganga Saptami Or Jahnu Saptami

गंगा सप्तमी (Ganga Saptami Or Jahnu Saptami) पर मोक्षदायिनी गंगा में स्नान की विशेष फल मिलता है. पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा का स्वर्ग से धरती पर अवतरण हुआ था. गंगा सप्तमी के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से काशी के घाटों पर विशेष आयोजन किए गए हैं.

गंगा सप्तमी पर काशी में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु.
गंगा सप्तमी पर काशी में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु. (Photo Credit ; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 14, 2024, 11:58 AM IST

वाराणसी : गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर मंगलवार को काशी में विशिष्ट आयोजन आयोजित किए. प्रातः काल 6 बजे ललिता घाट पर सुंदर पुष्प द्वार की सज्जा कर पूजन किया गया. गंगाभिषेक के बाद प्रांगण स्थित गंगा मंदिर में विशेष आराधना की गई. इसी शृंखला में सायंकाल मंदिर चौक स्थित शिवार्चनम मंच से मां गंगा एवं महादेव की स्तुति में संगीतमय भजन संध्या "गंगार्चनम" का आयोजन किया जाएगा.

गंगा सप्तमी से जुड़ी मान्यता है कि आज के दिन ही भागीरथ की कठिन तपस्या से खुश होकर मां गंगा स्वर्ग को छोड़कर धरती पर अवतरित हुई थीं. इसलिए यह दिन गंगा उत्पत्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है. इन्हीं पौराणिक मान्यताओं एवं सनातन परंपरा के निर्वाह में इस वर्ष श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास भव्य आयोजन कर गंगा जी का महोत्सव मनाया जा रहा है. विशिष्ट आयोजन हेतु संपूर्ण धाम की विशिष्ट साज सज्जा सुंदर सजावटी प्रकाश लगा कर की गई है. गंगा सप्तमी के आयोजन के क्रम में मंगलवार को मां गंगा की विशिष्ट आराधना ललिता घाट पर की गई. धाम परिसर में स्थित गंगा मंदिर में गंगा आराधना पूजा के बाद सांध्यबेला में सांस्कृतिक भजन संध्या "गंगार्चनम" आयोजित की जाएगी.

इसके अलावा गंगा सप्तमी के मौके पर वाराणसी के विभिन्न गंगा घाटों पर पूजन पाठ भी हो रहा. बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर मां गंगा का आशीर्वाद ले रहे हैं. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दशाश्वमेघ घाट पर होने वाले कार्यक्रम की वजह से दशाश्वमेघ और शीतला घाट समेत कुछ घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से प्रतिबंध है. बहरहाल गंगा के अन्य तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

वाराणसी : गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर मंगलवार को काशी में विशिष्ट आयोजन आयोजित किए. प्रातः काल 6 बजे ललिता घाट पर सुंदर पुष्प द्वार की सज्जा कर पूजन किया गया. गंगाभिषेक के बाद प्रांगण स्थित गंगा मंदिर में विशेष आराधना की गई. इसी शृंखला में सायंकाल मंदिर चौक स्थित शिवार्चनम मंच से मां गंगा एवं महादेव की स्तुति में संगीतमय भजन संध्या "गंगार्चनम" का आयोजन किया जाएगा.

गंगा सप्तमी से जुड़ी मान्यता है कि आज के दिन ही भागीरथ की कठिन तपस्या से खुश होकर मां गंगा स्वर्ग को छोड़कर धरती पर अवतरित हुई थीं. इसलिए यह दिन गंगा उत्पत्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है. इन्हीं पौराणिक मान्यताओं एवं सनातन परंपरा के निर्वाह में इस वर्ष श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास भव्य आयोजन कर गंगा जी का महोत्सव मनाया जा रहा है. विशिष्ट आयोजन हेतु संपूर्ण धाम की विशिष्ट साज सज्जा सुंदर सजावटी प्रकाश लगा कर की गई है. गंगा सप्तमी के आयोजन के क्रम में मंगलवार को मां गंगा की विशिष्ट आराधना ललिता घाट पर की गई. धाम परिसर में स्थित गंगा मंदिर में गंगा आराधना पूजा के बाद सांध्यबेला में सांस्कृतिक भजन संध्या "गंगार्चनम" आयोजित की जाएगी.

इसके अलावा गंगा सप्तमी के मौके पर वाराणसी के विभिन्न गंगा घाटों पर पूजन पाठ भी हो रहा. बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर मां गंगा का आशीर्वाद ले रहे हैं. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दशाश्वमेघ घाट पर होने वाले कार्यक्रम की वजह से दशाश्वमेघ और शीतला घाट समेत कुछ घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से प्रतिबंध है. बहरहाल गंगा के अन्य तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

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