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दिल्ली पुलिस ने मोबाइल टॉवरों से रिमोट रेडियो यूनिट चुराने वाला गैंग पकड़ा, 4 करोड़ की चोरी

मोबाइल टावरों से रिमोट रेडियो यूनिट चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इसमें शामिल 6 लोगों को पकड़ा गया है.

मोबाइल टावर उपकरण चोर गिरोह का सरगना गिरफ्तार
मोबाइल टावर उपकरण चोर गिरोह का सरगना गिरफ्तार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 10, 2024, 6:43 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी और अन्य राज्यों में मोबाइल टावरों से रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू) की चोरी में शामिल चोरों के एक अंतरराज्यीय गैंग को पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक, टीम ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लगभग 4 करोड़ रुपये की मूल्य की 130 चोरी की गई आरआरयू को जब्त किया है.

रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू), जिसे रिमोट रेडियो हेड (आरआरएच) के रूप में भी जाना जाता है. यह वायरलेस बेस स्टेशनों का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो वायरलेस उपकरणों और नेटवर्क के बीच संचार की सुविधा प्रदान करता है. इसका प्राथमिक कार्य बेस स्टेशन से डिजिटल सिग्नल को रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सिग्नल में बदलना है जिसे वायरलेस तरीके से प्रसारित किया जा सकता है.

वहीं, गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए मोबाइल टावरों के उपकरण चोरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना जावेद मीरापुरिया को गिरफ्तार किया है. जावेद दुबई भागने की कोशिश कर रहा था. उसे 8 अक्टूबर की रात इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पकड़ा गया. जावेद पर पहले से ही मोबाइल टावरों से बैटरियां, रेडियो रिसीवर यूनिट और अन्य महंगे उपकरण चोरी कर उन्हें दुबई और चीन भेजने का आरोप था. उसके गिरोह द्वारा चुराए गए उपकरणों की कुल कीमत लगभग 35 लाख रुपये है.

जावेद की पढ़ाई-लिखाई बहुत कम हुई है. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह केवल कक्षा-3 तक ही पढ़ा है. पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने अपने पिता के साथ मिलकर कंप्यूटर और मोबाइल के कबाड़ का काम करना शुरू कर दिया. अपने पिता से काम सीखने के बाद जावेद ने खुद का कबाड़ का व्यवसाय शुरू किया. इस दौरान उसने दिल्ली के यमुना विहार निवासी अबरार से संपर्क किया, जो मोबाइल के कबाड़ को चीन भेजता था. धीरे-धीरे जावेद ने अबरार से अलग होकर अपना कारोबार बढ़ा लिया और दुबई तथा चीन में खुद से माल भेजने लगा.

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में सामान बरामद : इससे पहले मई 2024 में गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सक्रिय इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. ये गिरोह प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल टावरों से महंगे उपकरण चोरी करता था. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में चोरी किए गए उपकरण, जिनमें बैटरियां, रेडियो रिसीवर यूनिट, ड्यूप्लेक्सर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल थे, बरामद किए गए थे. इसके साथ ही चोरी में इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियां भी जब्त की गईं.

इमिग्रेशन अधिकारियों ने दुबई जाने के पहले रोका: गिरफ्तारी के बाद भी गिरोह का सरगना जावेद मीरापुरिया फरार था और दुबई भागने वाला था. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया था. 8 अक्टूबर को जब जावेद दुबई भागने की फिराक में था, तभी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे रोक दिया और दिल्ली पुलिस को सूचित किया. इसके बाद स्पेशल सेल ने जावेद को हिरासत में लिया और गाजियाबाद पुलिस को सौंप दिया.

ये भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा पुलिस की दो बदमाशों से मुठभेड़, कलेक्शन एजेंट से लूटे थे 10 लाख रुपये

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी और अन्य राज्यों में मोबाइल टावरों से रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू) की चोरी में शामिल चोरों के एक अंतरराज्यीय गैंग को पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक, टीम ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लगभग 4 करोड़ रुपये की मूल्य की 130 चोरी की गई आरआरयू को जब्त किया है.

रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू), जिसे रिमोट रेडियो हेड (आरआरएच) के रूप में भी जाना जाता है. यह वायरलेस बेस स्टेशनों का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो वायरलेस उपकरणों और नेटवर्क के बीच संचार की सुविधा प्रदान करता है. इसका प्राथमिक कार्य बेस स्टेशन से डिजिटल सिग्नल को रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सिग्नल में बदलना है जिसे वायरलेस तरीके से प्रसारित किया जा सकता है.

वहीं, गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए मोबाइल टावरों के उपकरण चोरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना जावेद मीरापुरिया को गिरफ्तार किया है. जावेद दुबई भागने की कोशिश कर रहा था. उसे 8 अक्टूबर की रात इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पकड़ा गया. जावेद पर पहले से ही मोबाइल टावरों से बैटरियां, रेडियो रिसीवर यूनिट और अन्य महंगे उपकरण चोरी कर उन्हें दुबई और चीन भेजने का आरोप था. उसके गिरोह द्वारा चुराए गए उपकरणों की कुल कीमत लगभग 35 लाख रुपये है.

जावेद की पढ़ाई-लिखाई बहुत कम हुई है. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह केवल कक्षा-3 तक ही पढ़ा है. पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने अपने पिता के साथ मिलकर कंप्यूटर और मोबाइल के कबाड़ का काम करना शुरू कर दिया. अपने पिता से काम सीखने के बाद जावेद ने खुद का कबाड़ का व्यवसाय शुरू किया. इस दौरान उसने दिल्ली के यमुना विहार निवासी अबरार से संपर्क किया, जो मोबाइल के कबाड़ को चीन भेजता था. धीरे-धीरे जावेद ने अबरार से अलग होकर अपना कारोबार बढ़ा लिया और दुबई तथा चीन में खुद से माल भेजने लगा.

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में सामान बरामद : इससे पहले मई 2024 में गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सक्रिय इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. ये गिरोह प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल टावरों से महंगे उपकरण चोरी करता था. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में चोरी किए गए उपकरण, जिनमें बैटरियां, रेडियो रिसीवर यूनिट, ड्यूप्लेक्सर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल थे, बरामद किए गए थे. इसके साथ ही चोरी में इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियां भी जब्त की गईं.

इमिग्रेशन अधिकारियों ने दुबई जाने के पहले रोका: गिरफ्तारी के बाद भी गिरोह का सरगना जावेद मीरापुरिया फरार था और दुबई भागने वाला था. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया था. 8 अक्टूबर को जब जावेद दुबई भागने की फिराक में था, तभी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे रोक दिया और दिल्ली पुलिस को सूचित किया. इसके बाद स्पेशल सेल ने जावेद को हिरासत में लिया और गाजियाबाद पुलिस को सौंप दिया.

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