शाहजहांपुर: आपने दोस्ती के एक से एक किस्से सुने होंगे, लेकिन ऐसा याराना शायद पहले नहीं देखा होगा. शाहजहांपुर में इंसान और कबूतर की दोस्ती इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. कबूतर अपने दोस्त के साथ रहता, खाता, पीता और बाइक के साथ उड़ान भरता भी दिखाई देता है. कबूतर अपने दोस्त की बाइक की आवाज को सुनकर ही जान जाता है कि वह आ गया है. इसके बाद उसके कंधे पर आकर बैठ जाता है.
कुछ समय पहले अमेठी के आरिफ और सारस की दोस्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और उनकी कहानी तो आपने पढ़ी ही होगी. कुछ वैसी ही कहानी रचित और उनके कबतूर की है, जिसका नाम मगलू है. मगलू के मां-बाप को बाज ने मार दिया था. इसके बाद रचित ने कबूतर को पाला.
कबूतर को रुई से खाना खिलाकर बड़ा किया. मगलू रचित के पास ही सोते जागते रहने लगा. अब कहीं भी जाता है तो उसका दोस्त कबूतर भी मोटरसाइकिल के साथ उड़ता है. रचित और कबूतर की दोस्ती इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है.
रचित बताते हैं कि वे कबूतर को अपने हाथों से चना, रोटी, आलू , चावल और तहरी तक खिला देते हैं. रचित कबूतर को प्यार से मगलू बुलाते हैं. अब मगलू इतना बेचैन रहता कि अगर रचित न दिखे तो वह लगातार गुटरगू करता है.
इंसान और परिंदे की ऐसी अद्भुत दोस्ती की वजह से रचित चर्चा में हैं. आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि कबूतर इंसानों के साथ नहीं रहता बल्कि इंसान के डर से वह उड़ जाता है, लेकिन मगलू रचित के कंधों पर बैठकर बाइक पर सवार होकर निकलता है.