पलामूः जिला का चर्चित पर्यटक स्थल केचकी संगम, नये साल का जश्न मनाने के लिए लोग आते हैं. इसे केचकी संगम इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर कोयल और औरंगा नदी आपस में मिलती हैं. यह संगम पलामू एवं लातेहार की सीमा पर मौजूद है. लेकिन इस साल निशुल्क संगम की सैर के लिए सैलानियों को फीस देनी होगी.
नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए इस संगम पर बिहार एवं उत्तर प्रदेश से भी पर्यटक पहुंचते हैं. केचकी के संगम पर हाल के दिनों में पलामू टाइगर रिजर्व की तरफ से कई एक सुविधाओं को बढ़ाया गया है. केचकी के संगम पर लाइटिंग की गई है एवं कॉटेज भी तैयार की गयी है. पलामू टाइगर रिजर्व ने केचकी संगम को बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया है.
पलामू टाइगर रिजर्व ने केचकी संगम के पर्यटन गतिविधि की जिम्मेदारी स्थानीय इको डेवलपमेंट कमेटी को सौंप दी है. इको डेवलपमेंट कमेटी (ईडीसी) के पास प्रति पर्यटक पांच रुपए फीस तय करने का प्रस्ताव है. प्रति पर्यटक पांच रुपये की एंट्री फीस तय की जा सकती है.
पर्यटन स्थल पर लकड़ी से नहीं बनेगा खाना
केचकी संगम पर प्रदूषण एवं गंदगी से बचने के लिए प्रबंधन ने कई तरह की पहल की है. केचकी संगम पर इस बार पर्यटक लकड़ी से खाना नहीं बना पाएंगे. इको डेवलपमेंट कमेटी (ईडीसी) के तरफ से संगम पर एक कैफेटेरिया चिन्हित किया गया है. चिन्हित कैफेटेरिया में ही पर्यटक पिकनिक के दौरान खाना बना सकते हैं. इको कमेटी की ओर से ही पर्यटकों को खाना बनाने के लिए चूल्हा एवं गैस उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके एवज में पर्यटकों को पैसा देना होगा.
पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना जिन्होंने बताया कि केचकी संगम पर पर्यटन की जिम्मेवारी इको डेवलपमेंट कमेटी को दी गई है. एंट्री फीस पर अंतिम निर्णय कमेटी ही लेगी. पर्यटन गतिविधि से इलाके के 50 से अधिक युवाओं को रोजगार देने की योजना है. इस तरह की पहल से इलाके की महिलाओं को भी बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा.
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