आगरा : कोरिया से आए पर्यटकों के साथ ठगी का मामला सामने आया है. ठग ने करीब 13 हजार रुपये लेकर 30 जुलाई के टिकट मिसप्रिंट करके पर्यटकों को थमा दिए. पर्यटक ताजमहल में एंट्री के लिए वीवीआईपी पूर्वी गेट पर पहुंचे तो टिकट स्कैन नहीं हुए. इस पर वहां मौजूद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने कोरियन लैंग्वेज (अनुवादक) की मदद से उन्हें टिकट अवैध होने की जानकारी दी. करीब एक घंटे परेशान होने के बाद कोरियन पर्यटकों ने दोबारा 10 टिकट खरीदे. इसके बाद ताजमहल का दीदार किया.
दक्षिण कोरिया के 10 पर्यटकों का दल सोमवार की सुबह करीब नौ बजे वीवीआईपी पूर्वी गेट पर पहुंचा. ताजमहल परिसर में एंट्री के लिए जब पर्यटकों ने गेट पर टिकट स्कैन कराए तो टिकट स्कैन नहीं हुए. इस पर एएसआई कर्मचारियों ने कहा कि टिकट अवैध हैं. इसलिए ये स्कैन नहीं हो रहे हैं. टिकट 30 जुलाई के हैं, जबकि आज 29 जुलाई है.
एएसआई कर्मचारी की बात नहीं समझ पाए पर्यटक : पूर्वी गेट पर कोरिया के पर्यटक लगातार टिकट स्कैन करने की कोशिश कर रहे थे. इस पर पर्यटन थाना पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने भी एएसआई कर्मचारियों से बात की. भाषा की वजह से एएसआई कर्मचारी उन्हें समझा नहीं पा रहा थे. पर्यटक अंग्रेजी में भी एएसआई कर्मचारी की बात नहीं समझ रहे थे.
इस पर एएसआई कर्मचारियों ने कोरिया के पर्यटकों की उनकी ही भाषा में समझाने के लिए कोरियन लैंग्वेज के जानकार अनुवादक टूरिस्ट गाइड को बुलाया. इसके बाद कोरिया के पर्यटक समझे कि उनके साथ ठगी हुई है. जो टिकट उन्हें दिए गए हैं, वे टिकट 30 जुलाई के हैं. मगर, एडिटिंग करके टिकट पर 30 जुलाई की जगह पर 29 प्रिंट कर दिया गया. इसी वजह से टिकट स्कैन नहीं हो रहे हैं.
नए टिकट से देखा ताज, बताया कैसे मिलेगा रिफंड : टिकट अवैध होने पर कोरिया के पर्यटकों ने ताजमहल देखने के लिए दोबारा से 13000 रुपये के टिकट खरीदे. नए टिकट खरीदने के बाद पर्यटक ताज देखने के बाद चले गए. ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि कोरिया के पर्यटकों को ये बताया गया कि जो 30 जुलाई के टिकट उन्हें दिए गए हैं. उन टिकट का रिफंड मिल जाएगा. इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रक्रिया अपनानी है. ताजमहल की टिकटों में गड़बड़ी का यह पहला मामला आया है. इस बारे में छानबीन की जाएगी.
टिकट की एएसआई से कराई जांच : एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि कोरियन पर्यटक दल दिल्ली से आगरा आया था. पर्यटकों ने ऑनलाइन टिकट बुक की और ताजमहल देखने के लिए पहुंच गए. पर्यटकों को जब टिकट के बाद एंट्री नहीं मिली तो पर्यटकों की टिकट की जांच कराई गई. जिसमें ये पता चला कि टिकट 30 जुलाई के हैं. जबकि, उन पर 29 जुलाई का प्रिंट था.
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