नई दिल्ली: पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में एक बार फिर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती मामले में फिजिकल टेस्ट के दौरान पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) वजीराबाद और झडोदा कला (PTC) में चार अलग-अल मामले सामने आए हैं. पुलिस ने कांस्टेबल भर्ती मामले में हुए फर्जीवाड़े पर संज्ञान लेते हुए चार केस दर्ज किए हैं. लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट में अलग-अलग कैंडिडेट के बैठने का खुलासा हुआ है.
मामले में बताया गया कि मामले में कैंडिडेट का बायोमेट्रिक और फेस का मिलान नहीं हो पाया. जिससे फर्जीवाड़े का पता चला. आशंका जताई जा रही है कि बीते सालों की तरह इस बार भी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती में हुए फर्जीवाड़े के पीछे किसी सॉल्वर गैंग का हाथ है. दिल्ली पुलिस में हो रही महिला और पुरुष कांस्टेबल की भर्ती के लिए रिटन एग्जाम नवंबर दिसंबर 2023 में हुआ था. यह पूरी प्रक्रिया स्टाफ सलेक्शन कमीशन (SSC) के जरिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट(CBT) द्वारा आयोजित की गई . जिसका रिजल्ट 31 दिसंबर को आया था.
इस एग्जाम में सेलेक्ट हुए कैंडिडेट का फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन 13 से 20 जनवरी के बीच होने का शेड्यूल जारी किया गया था. इसी बीच पुलिस ट्रेनिंग सेंटर झाड़ोदा कला (PTC) दो और वजीराबाद (PTS) में दो अलग-अलग मामले सामने आए है. तीन मामलों में रिटर्न और फिजिकल टेस्ट में अलग-अलग कैंडिडेट के आने का पता चला, जबकि चौथे मामले में फर्जी एडमिशन कार्ड कैंडिडेट के पास मिलने का पता चला.
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पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी में पता चला कि पुलिस ट्रेनिंग स्कूल वजीराबाद में प्रियंका नाम की कैंडिडेट की जगह निशा नाम की कैंडिडेट ने फिजिकल टेस्ट दिया था, डॉक्यूमेंट चेकिंग के दौरान वह अपनी कास्ट कैटेगरी सही नहीं बता सकी. जिसमें पूछा गया कि उसकी कास्ट कैटेगरी क्या है. उसने अपनी कास्ट कैटेगरी जनरल बताया जबकि दस्तावेजों में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लगाया गया था . पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि उसका नाम निशा है, जो राहुल नाम के एक लड़के राहुल के कहने पर अपनी दोस्त प्रियंका का फिजिकल टेस्ट देने आई थी.
ऐसा ही दूसरा मामला हरियाणा की रहने वाली रविता का भी सामने आया है, उसमें भी कैंडिडेट का फेस और बायोमेट्रिक मैच नहीं हुआ. पुलिस जांच में पता चला कि रिटन एग्जाम में उसकी जगह कोई दूसरी लड़की बैठी थी. दोनों मामलों को (PTS) द्वारा सोनिया विहार थाने के सुपुर्द कर दिया गया है और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. इससे पहले भी इसी तरह एक मामला 14 जनवरी को पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज झडोदा कला में फिजिकल टेस्ट के दौरान सामने आया था. साहिल नाम के एक कैंडिडेट का भी बायोमेट्रिक और फेस मिसमैच होने का पता चला.पुलिस पूछताछ में साहिल ने बताया कि रिटन एग्जाम में उसके बदले कोई दूसरा कैंडिडेट बैठा था और फिजिकल टेस्ट देने वो खुद आया .
इसी तरह राजस्थान के मनीष कुमार को भी बुधवार को फर्जी एडमिट कार्ड के साथ पुलिस ने पकड़ा. जांच में पता चला कि इस नंबर का एडमिट कार्ड हिमाचल की किसी एक महिला कैंडिडेट को जारी किया गया था. जिसका टेस्ट पुलिस ट्रेनिंग स्कूल वजीराबाद में था. फिलहाल दिल्ली पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है और उस सॉल्वर गैंग का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो फर्जीवाड़े में शामिल है.
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