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फर्जी ई-चालान भेजकर ठगी, जिन्होंने यातायात नियम नहीं तोड़े उन्हें भी मिल रहा मैसेज, ऐसे बचें ठगों के चंगुल से - Cyber Thagi - CYBER THAGI

यातायात नियमों के उल्लंघन के फर्जी ई-चालान भेजकर ठगी को लेकर पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की है. आइये जानते हैं कि ऐसे ठगों से कैसे सुरक्षित रह सकते हैं.

फर्जी ई-चालान भेजकर ठगी
फर्जी ई-चालान भेजकर ठगी (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 27, 2024, 4:35 PM IST

जयपुर : आम आदमी के हर काम में तकनीक के बढ़ते दखल ने साइबर अपराधियों का काम आसान कर दिया है. साइबर ठग हर दिन नई-नई तरकीब से साइबर फ्रॉड की वारदातों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. अब यातायात नियमों के उल्लंघन के फर्जी ई-चालान भेजकर ठगी का अंदेशा होने पर पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की है.

पुलिस मुख्यालय ने यातायात नियमों के उल्लंघन पर नागरिकों को मिलने वाले ई-चालानों के भुगतान संबंधित लिंक में साइबर ठगों की हेराफेरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए यह एडवाइजरी जारी की है, ताकि लोग ई-चालान के सही और गलत मैसेज की पहचान कर सकें और साइबर ठगों के चंगुल में फंसने से बच सकें. डीजी (साइबर क्राइम, एससीआरबी व तकनीकी सेवाएं) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों को ई-चालान जारी किए जाते हैं. यह ई-चालान रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एएएमएस से भेजे जाते हैं. तकनीकी पेचीदगियों से अनजान लोगों को ठगने के लिए फर्जी ई-चालान भेजकर वारदात के मामले सामने आए हैं. इनसे बचने के लिए यह एडवाइजरी जारी की गई है.

पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की
पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस ने साइबर ठग के घर पर दी दबिश, छापेमारी में मिले सामान को देखकर पुलिस हैरान - Cyber ​​fraud exposed

वाट्सएप पर नहीं आता ई-चालान का मैसेज : हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि वाहन पंजीयन के समय दर्ज मोबाइल नंबर पर ई-चालान एसएमएस के जरिए भेजा जाता है. वाट्सएप मैसेज के जरिए ई-चालान नहीं भेजा जाता है. अधिकृत एसएमएस का 'हैडर' केवल VAAHAN ही होता है. इस एसएमएस संदेश में विभाग द्वारा यातायात नियमों से सम्बंधित विवरण और चालान का भुगतान करने के लिए https://echallan.parivahan.gov.in लिंक भेजा जाता है.

मिलते-जुलते नाम का से आते हैं फर्जी मैसेज : उन्होंने बताया कि साइबर ठग इससे मिलते-जुलते नाम (यूआरएल) जैसे .rajasthan, .org से फर्जी ई-चालान बनाकर ठगी का प्रयास कर सकते हैं. ऐसे लोग जिन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन किया ही नहीं, उनको भी फर्जी एसएमएस या वाट्सएप मैसेज भेजकर धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा सकता है. उन्होंने अपील की है कि फर्जी और वैध एसएमएस की पहचान करके जालसाजी का शिकार होने से बचें.

जयपुर : आम आदमी के हर काम में तकनीक के बढ़ते दखल ने साइबर अपराधियों का काम आसान कर दिया है. साइबर ठग हर दिन नई-नई तरकीब से साइबर फ्रॉड की वारदातों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. अब यातायात नियमों के उल्लंघन के फर्जी ई-चालान भेजकर ठगी का अंदेशा होने पर पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की है.

पुलिस मुख्यालय ने यातायात नियमों के उल्लंघन पर नागरिकों को मिलने वाले ई-चालानों के भुगतान संबंधित लिंक में साइबर ठगों की हेराफेरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए यह एडवाइजरी जारी की है, ताकि लोग ई-चालान के सही और गलत मैसेज की पहचान कर सकें और साइबर ठगों के चंगुल में फंसने से बच सकें. डीजी (साइबर क्राइम, एससीआरबी व तकनीकी सेवाएं) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों को ई-चालान जारी किए जाते हैं. यह ई-चालान रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एएएमएस से भेजे जाते हैं. तकनीकी पेचीदगियों से अनजान लोगों को ठगने के लिए फर्जी ई-चालान भेजकर वारदात के मामले सामने आए हैं. इनसे बचने के लिए यह एडवाइजरी जारी की गई है.

पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की
पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस ने साइबर ठग के घर पर दी दबिश, छापेमारी में मिले सामान को देखकर पुलिस हैरान - Cyber ​​fraud exposed

वाट्सएप पर नहीं आता ई-चालान का मैसेज : हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि वाहन पंजीयन के समय दर्ज मोबाइल नंबर पर ई-चालान एसएमएस के जरिए भेजा जाता है. वाट्सएप मैसेज के जरिए ई-चालान नहीं भेजा जाता है. अधिकृत एसएमएस का 'हैडर' केवल VAAHAN ही होता है. इस एसएमएस संदेश में विभाग द्वारा यातायात नियमों से सम्बंधित विवरण और चालान का भुगतान करने के लिए https://echallan.parivahan.gov.in लिंक भेजा जाता है.

मिलते-जुलते नाम का से आते हैं फर्जी मैसेज : उन्होंने बताया कि साइबर ठग इससे मिलते-जुलते नाम (यूआरएल) जैसे .rajasthan, .org से फर्जी ई-चालान बनाकर ठगी का प्रयास कर सकते हैं. ऐसे लोग जिन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन किया ही नहीं, उनको भी फर्जी एसएमएस या वाट्सएप मैसेज भेजकर धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा सकता है. उन्होंने अपील की है कि फर्जी और वैध एसएमएस की पहचान करके जालसाजी का शिकार होने से बचें.

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