अजमेर: साइबर थाना पुलिस ने चार विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी विद्यार्थी साइबर ठगों की गैंग में शामिल होकर उन्हें सिम और बैंक अकाउंट बेचते थे. पड़ताल में करोड़ों रुपए के लेन देन से संबंधित चैट भी बरामद की गई है. साइबर थाना पुलिस ने दो दिन पहले भी चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनसे पूछताछ के बाद ही शुक्रवार को पुलिस ने चार आरोपी विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है. साइबर थाना पुलिस हाथ आए सभी आठ आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है.
चंद पैसों के लालच में किया अपराध: आईपीएस श्रवण कांबले ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में भीलवाड़ा निवासी हर्षित सिंह, शुभम खटीक, शुभम सिंह और ललित सिंह शामिल है. उन्होंने बताया कि हर्षित सिंह ग्रेजुएट है. वहीं, शुभम खटीक दसवीं पास और हर्षित 12वीं पास है. चौथे, आरोपी ललित सिंह ने बीसीए कर रखा है. यह चारों आरोपी चंद पैसों के लालच में बैंक में अकाउंट खोलकर कमीशन पर साइबर ठगों को उपलब्ध करवाते थे. साथ ही सिम कार्ड भी अपने नाम से लेकर ठगों को बेचा करते थे. ये अन्य लोगों को चार से 5 हजार रुपए का कमीशन का लालच देकर उनके डॉक्यूमेंट से अकाउंट और सिम कार्ड खुलवाकर ठगों को देते थे. आईपीएस कांबले ने बताया कि आरोपियों को हर बैंक अकाउंट का कमीशन साइबर ठगों से मिलता है. बैंक अकाउंट में कितना बड़ा ट्रांजैक्शन होता है उसके अनुसार कमीशन भी बड़ा होता है.
चार लाख तक में बेचते थे बैंक खाता: उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि कॉऑपरेटिव अकाउंट को यह सभी आरोपी 4 लाख रुपए में बेचा करते थे. उन्होंने बताया कि साइबर ठग आरोपियों को बैंक में करंट अकाउंट के 2 से 3 लाख रुपए में बेचा करते थे. वहीं सेविंग अकाउंट 50 हजार रुपए तक कमीशन लिया करते है. साइबर थाना पुलिस के हाथ आए इन चार आरोपियों ने भी अलग-अलग बैंकों में 5 से 6 अकाउंट खुला रखे थे.
पांच करोड़ तक के लेन देन का हिसाब: आईपीएस श्रवण कांबले ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की मोबाइल की पड़ताल की गई है. इनमें आरोपियों के मोबाइल की कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया पर साइबर ठगों के साथ हुई चैट की भी जांच की गई. इनमें एक आरोपी की चैट से 5 करोड़ रुपए के लेन देन का हिसाब भी मिला है. उन्होंने बताया कि इस चैट के बारे में गहनता से पड़ताल की जा रही है.