आगरा: सरकारी चावल की पंजाब में कालाबाजारी करने का पुलिस ने खुलासा किया है. अछनेरा थाना पुलिस ने शुक्रवार को सरकारी चावलों का अवैध खरीद फरोख्त और तस्करी करने वाले जीजा-साला समेत चार आरोपी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 559 बोरियां चावल की बरामद की है.
डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह सूचना मिली कि कुछ लोगों द्वारा गांव रायभा के बुद्धा का नगला में सरकारी चावलों की खरीद फरोख्त की जा रही है. जिस पर जिला प्रशासन की टीम ने बनाई. क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी विमल सिकरवार, रानू रस्तोगी, प्रदीप कुमार तिवारी के साथ पूर्ति निरीक्षक विशाल कुमड़िया, शैकी राणा, पूर्ति लिपिक राजीव तिवारी, प्रशांत कुमार की टीम ने 10 सितंबर को छापा मारा. मौके पर प्रशासनिक टीम को एक बड़ा ट्रेलर खड़ा मिला था. जिसमें 100 कट्टे प्लास्टिक लदे थे. जिसमें चावल भरे थे. एक लोडिंग टेंपों में चावल की 60 प्लास्टिक की बोरियों और एक कमरे के अंदर 62 जूट की बोरियां मिलीं. इसके साथ ही गोदाम में 337 बोरियां रखी थीं. मौके से 559 बोरियां बरामद हुईं थी. पूर्ति निरीक्षक सुनील कुमार की तहरीर पर 12 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया था.
चार आरोपी किए गए गिरफ्तार
डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सुमित अग्रवाल निवासी पीपलखेडा खेरागढ़, मनीष अग्रवाल निवासी रायभा, घनश्याम निवासी कृष्णा कॉलोनी खेरागढ़ और जयकिशन निवासी उंटगिर, खेरागढ़ है. आरोपी सुमित अग्रवाल और मनीष अग्रवाल रिश्ते में जीजा साले हैं. दोनों लबे समय से राशन के चावल की तस्करी करते हैं. जिससे मोटा मुनाफा होत है. आरोपियों के खिलाफ पहले भी मुकदमे दर्ज हुए हैं. दोनों चावल तस्करी गैंग के सरगना है. आरोपियों से 559 बोरी सरकारी चावल बरामद हुआ था. इस चावल की कीमत करीब 10 लाख रुपये है.
जूट से प्लास्टिक की बोरियों में भरते थे चावल
डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि पूछताछ में रायभा निवासी मनीष ने चावल का व्यापार करने की जानकारी दी. उसने कहा कि वह फेरी वालों से चावल खरीदता है. ट्रेलर के चालक हाथरस निवासी संतोष ने हरियाणा के ट्रांसपोर्टर की गाड़ी से चावल ने जाने की कही. मैं वाहन किराए पर लेकर आया था. जांच में पता चला कि ये सरकारी चावल फोर्टीफाइड है. ये काम मनीष और सुमित करते हैं. जो सरकारी वितरण प्रणाली के चावल को अवैध रूप से स्टोर करते थे. फिर ऊंचे दामों पर हरियाणा और पंजाब में बेचते थे. जूट की बोरियों में आने वाले सरकारी चावलों को प्लास्टिक के कट्टों में भरते थे. ट्रेलर व लोडिंग टेंपों थाना अछनेरा के सुपुर्द किया गया है.