करनाल: जिले में सरकारी चावलों का गबन राइस मिलों की ओर से अभी भी जारी है. पहले भी कहीं राइस मिलों पर ऐसी कार्रवाई की गई है, जहां सरकारी चावल में उनकी ओर से गड़बड़ की गई थी. एक बार फिर से करनाल में ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है, जहां चार राइस मिलों ने सरकार के करीब 18 करोड़ रुपए के कस्टम मिल्ड राइस में धोखाधड़ी की है. इन चार मिलों में से तीन मिल को हैफेड और एक मिल को खाद्य पूर्ति विभाग की ओर से चावल दिया गया था. कई बार बोलने के बाद भी सरकार का चावल राइस मिलों के द्वारा लौटाया नहीं गया, जिसके चलते हैफेड डीएम अमित कुमार ने उन राइस मिलों पर मामला दर्ज करवाया है.
अधिकारी भी संदेह के घेरे में : इस मामले में अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है, क्योंकि इनमें पहले से डिफाल्टर राम इंडस्ट्री मिल को भी शामिल किया गया था. डिफाल्टर होने के बावजूद भी उसको धान चावल निकालने के लिए परमिशन दी गई, जो कि अब संदेह के घेरे में है. यह धान हैफेड के मैनेजर विनोद की ओर से अलॉट की गई थी. इस बार भी उनका धान दिया गया है, जिसके चलते विभाग ने मैनेजर के खिलाफ भी लिखित में विभागीय जांच करने की मांग की है.
बता दें कि खाद्य आपूर्ति विभाग को पिंगली रोड स्थित सरस्वती एग्रो फूड की ओर से तय सीमा में 10.34 करोड़ रुपए का चावल नहीं लौटाया है. अब उसके मालिक विपिन गुप्ता, रुचि गुप्ता और गारंटर अनिल व सुशील पर मामला दर्ज करवाया गया है. हैफेड के द्वारा बजाज राइस मिल घरौंडा ने सरकार के 2.66 करोड़ रुपए के चावल की रिकवरी नहीं दी है. इसमें मिल के मालिक मोहित कुमार वेद प्रकाश, ग्रांटर महेंद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
इन पर भी केस दर्ज : इसी तरह हैफेड के जुंडला स्थित सूर्य राइस मिल ने सरकार का 1.26 करोड़ रुपए का सरकारी चावल वापस नहीं दिया है. इसमें मिल के मालिक दिनेश, निर्मल गारंटर ज्ञानचंद , मनजीत सिंह और एक कमीशन एजेंट कर्मवीर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. चौथा राइस मिल सोहना रोड फूसगढ़ स्थित हैफेड के रामा इंडस्ट्रीज ने सरकार का 3.30 करोड़ रुपए का चावल वापस नहीं लौटाया है. जिसमें राइस मिल के मालिक राजेश, राज, रविन्द्र और गारंटर देवी प्रश्न गुप्ता और कमीशन एजेंट अशोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. अब देखना यह होगा कि विभाग उनके ऊपर क्या कार्रवाई करता है.
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