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अररिया में पुल ध्वस्त मामले में चार और इंजीनियर निलंबित, 7 दिनों में मांगी गई जांच रिपोर्ट - Araria bridge collapse

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 20, 2024, 1:35 PM IST

अररिया में हुए पुल ध्वस्त मामले में सरकार ने चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही पुल निर्माण कार्य से जुड़े संवेदक सिराजुर रहमान पर भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया है.

Araria bridge collapse
अररिया में पुल ध्वस्त मामले में कार्रवाई (ETV Bharat)

अररिया: बिहार के अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल मंगलवार को ध्वस्त हो गया. इस मामले को लेकर नीतीश सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. परडिया घाट पर ध्वस्त हुए पुल को लेकर नीतीश सरकार ने अबतक चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया है. दो अभियंताओं को मंगलवार को ही निलंबित कर दिया गया था.

पुल ध्वस्त मामले में चार और इंजीनियर निलंबित: मिली जानकारी के अनुसार उसके बाद और दो अभियंताओं के निलंबन का आदेश जारी किया गया है. इसमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार, सहायक अभियंता वीरेंद्र प्रसाद व कनीय अभियंता मनीष कुमार को निलंबित कर दिया गया था. पुल हादसे की अब उच्चस्तरीय जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है.

कंपनी को ब्लैक लिस्टेट: जांच टीम में पूर्णिया के मुख्य अभियंता निर्मल कुमार, राज्य तकनीकी एजेंसी के डॉ. संजीव सिन्हा शामिल होंगे. इधर ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने संवेदक सिराजुर रहमान के ऊपर एफआईआर दर्ज कराते हुए उनके कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालने का निर्देश दिया है. इस आदेश के बाद ही विभागीय महकमे में हड़कंप मच गया है.

7 दिनों के अंदर मांगी गई जांच रिपोर्ट: ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी परडिया घाट का दौरा कर रहे हैं. सरकारी स्तर से एक उच्चस्तरीय चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. पटना से ये टीम अररिया आकर ध्वस्त हुए पुल के अवशेषों की जांच करेगी, ताकि पुल के गिर जाने के कारणों का पता चल सके. मिली जानकारी के अनुसार इस विशेष टीम को 7 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. इसके साथ ही बुधवार को अररिया डीएम इनायत खान ने भी विभागीय अधिकारियों के साथ ध्वस्त हुए पुल का जायजा लिया था.

क्या है पूरा मामला: सिकटी प्रखंड के बकरा नदी पर परडिया घाट पर बना पुल मंगलवार को नेपाल से अचानक आई नदी के बहाव के कारण ध्वस्त होकर नदी में समा गया था. इस हादसे में पुल का तीन पाया पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. 12 करोड़ से बनने वाली इस पुल में कुल 8 पिलर का निर्माण किया गया था. 181 मीटर लंबी पुल को 2020 में ही पूरा कर लेना था. लेकिन कोविड और बाढ़ के कारण निर्माण कार्य को पूरा करने में देरी हुई. पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया था. पुल के दोनों ओर एप्रोच का निर्माण किया जाना था, लेकिन उसके पहले ही पुल ध्वस्त हो गया.

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अररिया: बिहार के अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल मंगलवार को ध्वस्त हो गया. इस मामले को लेकर नीतीश सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. परडिया घाट पर ध्वस्त हुए पुल को लेकर नीतीश सरकार ने अबतक चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया है. दो अभियंताओं को मंगलवार को ही निलंबित कर दिया गया था.

पुल ध्वस्त मामले में चार और इंजीनियर निलंबित: मिली जानकारी के अनुसार उसके बाद और दो अभियंताओं के निलंबन का आदेश जारी किया गया है. इसमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार, सहायक अभियंता वीरेंद्र प्रसाद व कनीय अभियंता मनीष कुमार को निलंबित कर दिया गया था. पुल हादसे की अब उच्चस्तरीय जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है.

कंपनी को ब्लैक लिस्टेट: जांच टीम में पूर्णिया के मुख्य अभियंता निर्मल कुमार, राज्य तकनीकी एजेंसी के डॉ. संजीव सिन्हा शामिल होंगे. इधर ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने संवेदक सिराजुर रहमान के ऊपर एफआईआर दर्ज कराते हुए उनके कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालने का निर्देश दिया है. इस आदेश के बाद ही विभागीय महकमे में हड़कंप मच गया है.

7 दिनों के अंदर मांगी गई जांच रिपोर्ट: ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी परडिया घाट का दौरा कर रहे हैं. सरकारी स्तर से एक उच्चस्तरीय चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. पटना से ये टीम अररिया आकर ध्वस्त हुए पुल के अवशेषों की जांच करेगी, ताकि पुल के गिर जाने के कारणों का पता चल सके. मिली जानकारी के अनुसार इस विशेष टीम को 7 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. इसके साथ ही बुधवार को अररिया डीएम इनायत खान ने भी विभागीय अधिकारियों के साथ ध्वस्त हुए पुल का जायजा लिया था.

क्या है पूरा मामला: सिकटी प्रखंड के बकरा नदी पर परडिया घाट पर बना पुल मंगलवार को नेपाल से अचानक आई नदी के बहाव के कारण ध्वस्त होकर नदी में समा गया था. इस हादसे में पुल का तीन पाया पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. 12 करोड़ से बनने वाली इस पुल में कुल 8 पिलर का निर्माण किया गया था. 181 मीटर लंबी पुल को 2020 में ही पूरा कर लेना था. लेकिन कोविड और बाढ़ के कारण निर्माण कार्य को पूरा करने में देरी हुई. पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया था. पुल के दोनों ओर एप्रोच का निर्माण किया जाना था, लेकिन उसके पहले ही पुल ध्वस्त हो गया.

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