रायपुर: छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में चर्चित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता राम अवतार जग्गी की 4 जून 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राम अवतार जग्गी हत्याकांड मामले में गुरुवार को 4 आरोपियों ने रायपुर कोर्ट में सरेंडर किया है. इनमें संजय सिंह कुशवाहा, नरेश प्रसाद शर्मा, अनिल उर्फ प्रमोद पचौरी और सत्येंद्र सिंह तोमर शामिल हैं. इसके पहले सोमवार को रायपुर के कोर्ट में आरोपी राजू भदोरिया, धर्मेंद्र उर्फ लल्लन और रवि सिंह ने सरेंडर किया था. जग्गी हत्याकांड मामले में शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौड़ सहित अब तक 14 दोषियों ने कोर्ट में सरेंडर किया है.
4 अप्रैल को बिलासपुर हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश: इस फैसले के खिलाफ सभी आरोपियों ने निचली अदालत को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन 21 साल बाद 4 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट बिलासपुर के दिए गए फैसले में निचली अदालत के फैसले को यथावत रखते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए थे. जग्गी हत्याकांड में शामिल 2 आरोपी बुलठू पाठक और विक्रम शर्मा की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया हुआ है.
परिवारवालों ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत: इस बारे में मीडिया से बातचीत के दौरान मृतक राम अवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने बताया कि, "4 जून 2003 को मेरे पिता राम अवतार जग्गी की हत्या हुई थी. 4 अप्रैल को कोर्ट का फैसला आने के बाद हमने फैसले का स्वागत किया है. पिता की हत्या के तुरंत बाद मौदहा पारा थाने में हमने एफआईआर भी दर्ज करवाई थी. एफआईआर में स्व.अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी का भी नाम दर्ज कराया था. उसके बाद इस पूरे मामले को पुलिस ने हैंडल किया."
अब तक 14 आरोपियों ने किया सरेंडर: मृतक के बेटे ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी. पुलिस ने हत्याकांड में शामिल फर्जी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था. कई सालों तक सीबीआई ने इस मामले की जांच की. इस पूरे मामले में सीबीआई ने 29 लोगों को अभियुक्त बनाया और चार्जशीट भी दाखिल किया. इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी अमित जोगी को बनाया गया था. 28 लोगों को इस हत्याकांड में सहयोगी के रूप में अभियुक्त बनाया था. गुरुवार को चार आरोपियों ने सरेंडर किया है. अब तक 14 आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर किया है.