चंडीगढ़: रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का अंतिम संस्कार सेक्टर 25 के श्मशान घाट में किया गया. शनिवार को मोहाली के निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. 83 साल के हरमोहन धवन लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका इलाज मोहाली के निजी अस्पताल में चल रहा था. रविवार को उनका पार्थिव शरीर चंडीगढ़ सेक्टर 9 स्थित उनके निवास स्थान पर रखा गया. जहां बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए.
उनके अलावा स्थानीय लोगों ने भी उनके अंतिम दर्शन किए. बीजेपी सांसद किरण खेर भी उनको श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन काफी मिलनसार व्यक्ति थे. उन्होंने साल 2014 में लोकसभा चुनाव में उनकी मदद भी की थी. उनके जाने से ये बहुत बड़ी क्षति शहर को हुई है. इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी और बीजेपी नेता संजय टंडन ने कहा कि हरमोहन धवन राजनीति के भीष्म पितामह थे.
संजय टंडन ने कहा कि चाहे उनके राजनीतिक कितने भी मनमुटाव रहते थे, लेकिन उनके स्वभाव में किसी भी तरह की कोई शिकन देखने को नहीं मिलती थी. यही कारण था कि वो सबसे हंसी खुशी मिला करते थे. उनके जाने से राजनीति का एक कालखंड भी खत्म हो गया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने भी कहा कि हरमोहन धवन के जाने से उन्हें बहुत बड़ी क्षति हुई है. वो उन्हें कभी उन्हें नहीं भूल पाएंगे.
बंसल ने कहा कि हरमोहन धवन काफी सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. जब पवन बंसल सांसद का चुनाव लड़ रहे थे, तो एक बार हरमोहन धवन ने उनकी मदद भी की थी. चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष लकी ने कहा कि जब वो दसवीं क्लास में थे, तब पहली बार हरमोहन धवन से मिले थे. पॉलिटिक्स की जो नर्सरी उन्होंने सिखी, वो उन्हीं से सीखी. उनके द्वारा किए गए कार्यों को पूरा शहर जानता हैं. उन्हें गरीबों का मसीहा कहते थे, क्योंकि वो गरीबों के हर वह काम किया करते थे. जिनकी गरीबों को जरूरत हुआ करती थी. उनके जाने से पूरे शहर में दुख का पसरा है.