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भीलवाड़ा में प्रस्तावित मेडिसिटी पर पूर्व न्यास अध्यक्ष ने उठाए सवाल, बोले- मास्टर प्लान की हो रही अवहेलना - Medicity in Bhilwara

भीलवाड़ा में प्रस्तावित मेडिसिटी योजना का एक बार ​​फिर से विरोध शुरू हो गया है. इस योजना को लेकर यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष, भाजपा नेता रामपाल शर्मा ने विरोध किया है. उनका कहना है कि मेडिसिटी जिस जगह प्रस्तावित है, वह आवासीय जगह है. इसलिए वहां व्यावसायिक योजना के लिए जगह नहीं दी जा सकती. ऐसा करना मास्टर प्लान की अवहेलना तो होगी ही, जनता को भी परेशानी होगी.

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भीलवाड़ा में प्रस्तावित मेडिसिटी पर पूर्व न्यास अध्यक्ष ने उठाए सवाल (photo etv bharat bhilwara)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 18, 2024, 4:52 PM IST

Updated : May 18, 2024, 6:03 PM IST

भीलवाड़ा में प्रस्तावित मेडिसिटी पर पूर्व न्यास अध्यक्ष ने उठाए सवाल. (etv bharat bhilwara)

भीलवाड़ा. शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में प्रस्तावित मेडिसिटी प्लान को लेकर नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता रामपाल शर्मा ने ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मेडिसिटी के नाम पर मास्टर प्लान की अवहेलना की जा रही है. यह आवासीय जगह पर बनाई जा रही है, जोकि गलत है. उन्होंने कहा कि मैंने जिला कलेक्टर को इस मामले में मिलकर पत्र सौंपा है. यदि यहां कोई कार्रवाई नहीं होती है तो मैं जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सारे मामले को उन्हें अवगत करवाउंगा. वहीं, नगर विकास न्यास अध्यक्ष व जिला कलेक्टर ने कहा कि नियमों में अवहेलना होती है तो हम पुन: परीक्षण कराएंगे

शर्मा ने शनिवार को ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वर्तमान में यह योजना आजाद नगर में प्रस्तावित है, जोकि आवासीय योजना है. इसलिए यहां मेडिसिटी बनना मास्टर प्लान की अवहेलना होगी. उन्होंने कहा कि इस बारे में मैंने 3 मई को भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर नमित मेहता को भी पत्र लिखकर मेडिसिटी वहां नहीं बनाने की मांग की थी. शर्मा ने पत्र में लिखा कि शहर के आजाद नगर में 39 बीघा भूमि में मेडिकल हब (मेडिसिटी) बनाने का प्रस्ताव एवं जमीन नीलामी की बात न्यास के माध्यम से सामने आई है. यह पूर्ण रूप से गैर कानूनी है. इस तरह की कोई भी योजना हो, उसमें 40 प्रतिशत भूमि आवश्यक सुविधाएं रोड, अस्पताल, विद्यालय, बिजली, पानी व अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित की जाती है एवं 60 प्रतिशत भूमि आरक्षित दर पर नियमानुसार लॉटरी के माध्यम से आवासीय भूमि के आवश्यक परिवारों को आर्थिक आधार पर आवंटित की जाती है.

पढ़े:भीलवाड़ा: गरीबों के मकान गिरवाने के मामले में कलेक्टर, यूआईटी सचिव और तहसीलदार को नोटिस जारी

कांग्रेस सरकार में भी किया था विरोध: उन्होंने कहा कि मेडिसिटी पहले वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार में बनने लगी थी, तब तत्कालीन प्रभारी मंत्री महेश जोशी ने इसके लिए भूमि पूजन किया था. उस समय कांग्रेस में होते हुए भी मैंने विरोध किया था और मेडिसिटी को कैंसिल करवाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिसिटी भू माफियाओं की योजना बनाने का एक प्रावधान है. इसलिए इसे रुकवाया था. अब नई सरकार में इस पर फिर से काम होने की बात चल रही है. इसलिए मैंने हाल ही में भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व भीलवाड़ा जिला कलेक्टर मेहता को पत्र लिखकर कहा था कि पहले से आवासीय के लिए आरक्षित जमीन पर, व्यावसायिक उद्देश्य के लिए योजना नहीं बनाई जा सकती. उन्होंने कहा कि 'यदि मेरी मांग यहां नहीं मानी जाती है तो मैं जल्द ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करके उनको इस मामले से अवगत करवाऊंगा' .

यह भी पढें: यूआईटी के अतिक्रमण निरोधी दस्ते पर हमला, होमगार्ड और पुलिस के जवान घायल, 15 गिरफ्तार

कलक्टर ने कहा, परीक्षण करवा रहे हैं: इस मामले में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व भीलवाड़ा जिला कलेक्टर नामित मेहता ने कहा कि मेडिसिटी के मामले में ज्यादा जानकारी तो भीलवाड़ा नगर विकास न्यास की सचिव दे पाएंगे, लेकिन अध्यक्ष के नाते तो मेरी जानकारी में यह है कि यूआईटी में मेडिसिटी के नाम से एक प्रोजेक्ट है. हम उस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए अभी तक अध्ययन कर रहे हैं. मेडिसिटी के बारे में अभी परीक्षण किया जा रहा है. यह पूर्व में अप्रूव्ड प्रोजेक्ट है, यदि कहीं नियमों में अवहेलना होती है तो हम देखकर परीक्षण करेंगे. इसके बाद ही धरातल पर काम शुरू होगा.

भीलवाड़ा में प्रस्तावित मेडिसिटी पर पूर्व न्यास अध्यक्ष ने उठाए सवाल. (etv bharat bhilwara)

भीलवाड़ा. शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में प्रस्तावित मेडिसिटी प्लान को लेकर नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता रामपाल शर्मा ने ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मेडिसिटी के नाम पर मास्टर प्लान की अवहेलना की जा रही है. यह आवासीय जगह पर बनाई जा रही है, जोकि गलत है. उन्होंने कहा कि मैंने जिला कलेक्टर को इस मामले में मिलकर पत्र सौंपा है. यदि यहां कोई कार्रवाई नहीं होती है तो मैं जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सारे मामले को उन्हें अवगत करवाउंगा. वहीं, नगर विकास न्यास अध्यक्ष व जिला कलेक्टर ने कहा कि नियमों में अवहेलना होती है तो हम पुन: परीक्षण कराएंगे

शर्मा ने शनिवार को ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वर्तमान में यह योजना आजाद नगर में प्रस्तावित है, जोकि आवासीय योजना है. इसलिए यहां मेडिसिटी बनना मास्टर प्लान की अवहेलना होगी. उन्होंने कहा कि इस बारे में मैंने 3 मई को भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर नमित मेहता को भी पत्र लिखकर मेडिसिटी वहां नहीं बनाने की मांग की थी. शर्मा ने पत्र में लिखा कि शहर के आजाद नगर में 39 बीघा भूमि में मेडिकल हब (मेडिसिटी) बनाने का प्रस्ताव एवं जमीन नीलामी की बात न्यास के माध्यम से सामने आई है. यह पूर्ण रूप से गैर कानूनी है. इस तरह की कोई भी योजना हो, उसमें 40 प्रतिशत भूमि आवश्यक सुविधाएं रोड, अस्पताल, विद्यालय, बिजली, पानी व अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित की जाती है एवं 60 प्रतिशत भूमि आरक्षित दर पर नियमानुसार लॉटरी के माध्यम से आवासीय भूमि के आवश्यक परिवारों को आर्थिक आधार पर आवंटित की जाती है.

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कांग्रेस सरकार में भी किया था विरोध: उन्होंने कहा कि मेडिसिटी पहले वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार में बनने लगी थी, तब तत्कालीन प्रभारी मंत्री महेश जोशी ने इसके लिए भूमि पूजन किया था. उस समय कांग्रेस में होते हुए भी मैंने विरोध किया था और मेडिसिटी को कैंसिल करवाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिसिटी भू माफियाओं की योजना बनाने का एक प्रावधान है. इसलिए इसे रुकवाया था. अब नई सरकार में इस पर फिर से काम होने की बात चल रही है. इसलिए मैंने हाल ही में भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व भीलवाड़ा जिला कलेक्टर मेहता को पत्र लिखकर कहा था कि पहले से आवासीय के लिए आरक्षित जमीन पर, व्यावसायिक उद्देश्य के लिए योजना नहीं बनाई जा सकती. उन्होंने कहा कि 'यदि मेरी मांग यहां नहीं मानी जाती है तो मैं जल्द ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करके उनको इस मामले से अवगत करवाऊंगा' .

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कलक्टर ने कहा, परीक्षण करवा रहे हैं: इस मामले में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व भीलवाड़ा जिला कलेक्टर नामित मेहता ने कहा कि मेडिसिटी के मामले में ज्यादा जानकारी तो भीलवाड़ा नगर विकास न्यास की सचिव दे पाएंगे, लेकिन अध्यक्ष के नाते तो मेरी जानकारी में यह है कि यूआईटी में मेडिसिटी के नाम से एक प्रोजेक्ट है. हम उस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए अभी तक अध्ययन कर रहे हैं. मेडिसिटी के बारे में अभी परीक्षण किया जा रहा है. यह पूर्व में अप्रूव्ड प्रोजेक्ट है, यदि कहीं नियमों में अवहेलना होती है तो हम देखकर परीक्षण करेंगे. इसके बाद ही धरातल पर काम शुरू होगा.

Last Updated : May 18, 2024, 6:03 PM IST
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