जयपुर. भारत में कई प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां हैं, जिनका सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने में योगदान रहा है. भारत उदारता पूर्वक इन सभी चिकित्सा पद्धतियों का समन्वित उपयोग करने वाला देश बने ये हम सभी की जिम्मेदारी है. ये कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी का. रविवार को सुरेश जोशी जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में आयोजित स्वास्थ्य सेवा की कार्यशाला को संबोधित करने पहुंचे थे.
सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम के समापन के अवसर पर आयोजित परिचर्चा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नजरिए से जयपुर प्रांत के 11 जिलों के 94 अस्पताल के 153 चिकित्सकों ने भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत में भैयाजी जोशी ने बाबासाहेब डाॅ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, परिचर्चा में चिकित्सकों का आह्वान करते हुए कहा कि चिकित्सा व्यवस्था को व्यवहारिक और चिकित्सा सुविधा को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाएं.
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समाधान की दिशा में प्रयास करने होंगे : भैयाजी जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई तरह की चुनौतियां आज खड़ी हैं. स्वास्थ्य नीति निर्धारण करते समय इन सभी चुनौतियों को समझकर नीति निर्धारक, चिकित्सा के क्षेत्र में लगे हुए सभी बंधु और सेवा भाव से काम करने वाली संस्थाओं को साथ आना होगा. इन चुनौतियों को समझकर उनके समाधान की दिशा में प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि भारत में कई तरह की चिकित्सा पद्धतियां रही. इन सभी का अपना-अपना योगदान सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने में रहा है.
भारत इस तरह की उदारता का परिचय देते हुए विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का एक समन्वित विचार करने वाला देश बने, ये सभी की जिम्मेदारी है. इस दिशा में प्रयास होने की आवश्यकता है. कार्यक्रम के विशेष अथिति के रूप में मौजूद रहे डॉ एमएल स्वर्णकार ने आम जन को सुलभ और गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलध कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. वहीं, संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ रमेश अग्रवाल ने भी इस अवसर पर आमजन को राहत पहुंचाने के लिए चिकित्सा व्यवस्था में नए आयाम और नवाचार करने की अपील की.