उदयपुर : पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य और नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के 77वें दीवान के रूप में राजतिलक होने के बाद बुधवार को भगवान एकलिंग नाथ के दर्शनों के लिए कैलाशपुरी पहुंचे. इससे पहले विश्वराज सिंह मेवाड़ ने समोर बाग में विधिवत अश्व पूजन किया, फिर कैलाशपुरी तालाब का विधिवत पूजन किया और वहां से रवाना होकर भगवान एकलिंग नाथ के मंदिर पहुंचे.
ढोल नगाड़ों के साथ विश्वराज सिंह मेवाड़ आगे चल रहे थे और उनके साथ राव-उमराव और बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे. एकलिंग नाथ मंदिर के बाहर जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने पूरी तरह से मोर्चा संभाले रखा है. यहां पर पुलिस अधिकारियों के अलावा भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. विश्वराज सिंह मेवाड़ के दर्शन के दौरान पूर्व में तय किए गए लोगों को ही मंदिर के अंदर प्रवेश दिया गया. भगवान एकलिंग नाथ के दर्शन के दौरान विश्वराज सिंह मेवाड़ ने विधिवत पूजा-अर्चना की.
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इससे पहले बुधवार सुबह 10 बजे विश्वराज ने अपने समोर बाग पैलेस में पारंपरिक तौर पर घोड़ी की पूजा की और दूसरी रस्में निभाई. इस बीच समोर बाग, सिटी पैलेस, एकलिंगजी में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. वहीं, मंदिर में कुछ देर के लिए आमजन का प्रवेश रोक दिया गया. बता दें कि भगवान एकलिंग नाथ को मेवाड़ का राजा माना जाता है. मेवाड़ की स्थापना से लेकर अब तक सभी महाराणा दीवान के रूप में जाने जाते हैं.
एकलिंग जी के दर्शन करने के बाद समोर बाग पहुंचे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज एकलिंगजी के दर्शन पूरे हुए जो 2 दिन पहले होने थे. उन्होंने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि एक भी तो पूरी हुई. विश्वराज ने कहा कि बाकी परिवार के लोग और उमराव उनका भी एक दस्तूर कार्यक्रम हो रहा है. वहीं, धूणी के दर्शन को लेकर अभी बात चल रही है. विश्वराज ने कहा कि आज तक कोई पक्का जवाब आना चाहिए. उन्होंने कहा कि धूणी दर्शन को लेकर इतनी हठधर्मिता क्यों है, यह उनसे पूछना चाहिए. विश्वराज ने कहा कि अगर कानून के दायरे में देखे तो यह जॉइंट फैमिली प्रॉपर्टी है. विल में भी लिखा हुआ है कि वहां किसी को रहने की इजाजत नहीं है, वह निजी घर नहीं है. सिर्फ सेरेमनी के लिए उपयोग में लिया जा सकता है.
समोर बाग में चल रहा रंग दस्तूर का कार्यक्रम : एकलिंगजी दर्शन करने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ समोर बाग पहुंचे, जहां पर रंग दस्तूर का कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम में मेवाड़ के 16 उमराव और 32 राव भी पहुंचे. पहले विश्वराज सिंह मेवाड़ का एकलिंगजी में पगड़ी दस्तूर हुआ. विश्वराज सिंह मेवाड़ को सफेद पगड़ी की जगह रंगीन पगड़ी पहनाई गई.