उदयपुर. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज तारा संस्थान के वृद्धाश्रम के 12 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. वे कार्यक्रम के बाद नाथद्वारा जाएंगे और 10 अप्रैल को वो वापस दिल्ली लौट जाएंगे. जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने इस यात्रा को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता की पूर्ण पालना सुनिश्चित करते हुए सुरक्षा, एस्कॉर्ट, कारकेड, यातायात, अग्निशमन और अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं.
ये है पूर्व राष्ट्रपति का कार्यक्रम : बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज सुबह 10.55 बजे हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित मां द्रोपदी देवी आनंद वृद्धाश्रम में पहुंचेंगे, जहां वृद्धाश्रम के 12 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में वो बतौर मुख्य अतिथि भाग लेंगे. वे इसी दिन शाम को नाथद्वारा जाएंगे और 9 अप्रैल को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति कोविंद 10 अप्रैल की अपराह्न 3 बजे वायुयान से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएंगे.
तारा संस्थान के 12 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मां द्रोपदी देवी आनंद वृद्धाश्रम में सोमवार 8 अप्रैल को एक भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है. समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द होंगे. तारा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष कल्पना गोयल और संस्थापक सचिव दीपेश मित्तल ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रात: 11 से दोपहर 12 बजे तक वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजन अनेकता में एकता विषय पर फैशन शो और मस्ती की पाठशाला की प्रस्तुति करेंगे.
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कल्पना गोयल ने बताया कि तारा संस्थान सन् 2009 में उदयपुर शहर में गैर-लाभकारी संस्थान के रूप में पंजीकृत की गई. संस्थान का उद्देश्य निर्धन, असहाय, निराश्रित लोगों (विशेषकर वृद्वजन) को अपनी विभिन्न गतिविधियों से पूर्णत: नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करना है. संस्थान का प्रारंभ मोतियाबिंद रोगियों को नि:शुल्क इलाज की सेवाएं प्रदान करने के लिए किया गया था. इस दौरान विभिन्न जगहों पर नेत्र परीक्षण शिविर लगाकर मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाता था. शिविर के दौरान तारा संस्थान कई ऐसे वृद्धजनों से रूबरू हुआ जिनकी आर्थिक, शारीरिक और भावनात्मक स्थिति बहुत दयनीय थी.
उन्होंने कहा कि उस समय कुछ वृद्धजनों ने उन्हें बताया था कि उनके बच्चे उन्हें अकेला छोड़ कर चले गए. कुछ वृद्धजनों ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो देना कारण बताया. कुछ लोग ने विवाह नहीं किया. कुछ वृद्धों के सिर्फ बेटियां थी जो वो बेटियों के साथ नहीं रहना चाहते थे. इस तरह की कई स्थितियों को जानने के बाद संस्थान ने विशेष रूप से इन वृद्धजनों के लिए पूर्ण सुविधायुक्त ऐसे वृद्धाश्रम का निर्माण करने का निश्चय किया जहां सुविधाओं के साथ इन्हें आत्मसम्मान से जीने की अनुभूति भी कराई जा सके.