नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली से मुंडका विधानसभा के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को 2016 में दर्ज आर्म्स एक्ट के एक मामले में बरी कर दिया है. एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने रामबीर शौकीन समेत दूसरे आरोपी विजय गहलोत को बरी करने का आदेश दिया. मामला 27 नवंबर 2016 का है. दिल्ली पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर युवा शक्ति स्कूल, रामा विहार के पास छापा मारा और मौके से रामबीर शौकीन को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था.
कोर्ट को केस में कई विसंगतियां आईं नजर: दिल्ली पुलिस के मुताबिक उस वक्त रामबीर शौकीन जिस कार में सवार थे, उसमें दो लोग और थे. इन लोगों ने पकड़े जाने पर पुलिस पर अपनी पिस्तौल तानी थी. दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27, 54 और 59 के तहत एफआईआर दर्ज किया था. कोर्ट ने अभियोजन के केस में विसंगतियों का जिक्र करते हुए संदेह जताया और संदेह का लाभ आरोपियों को दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जो यह साबित करता हो कि मालखाने में जमा कराने से पहले जब्त हथियारों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई इसलिए केस प्रापर्टी के साथ छेड़छाड़ और सील के दुरुपयोग की संभावना को लेकर गंभीर आशंका है.
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'गवाहों के बयानों में नहीं मिली कोई समानता': कोर्ट ने कहा कि अभियोजन का केस कई विसंगतियों से भरा है. कोर्ट ने पाया कि दूसरे आरोपी विजय गहलोत के मौके से फरार होने को लेकर भी अभियोजन के गवाहों के बयानों में कहीं कोई समानता नहीं मिलती है. कोर्ट ने पाया कि एक झूठ को छिपाने के लिए अभियोजन पक्ष के गवाहों को कई झूठ बोलने पड़े रामबीर शौकीन गैंगस्टर नीरज बावनिया के मामा हैं. बता दें कि इसके पहले रामबीर शौकीन के खिलाफ मकोका का मामला भी दर्ज किया गया था. मकोका के मामले में भी रामबीर शौकीन और नीरज बावनिया को बरी कर दिया गया था.
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