जोधपुर. ओसियां की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा और जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के बीच विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. दोनों के बीच शीत युद्ध जारी है. मंगलवार शाम को पूर्व विधायक ने रेंज आईजी विकास कुमार से मिलकर एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाए. इसके कुछ घंटों बात रात करीब 11 बजे ग्रामीण एसपी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स से दिव्या मदेरणा को जवाब दिया गया. पोस्ट में गत वर्ष भोपालगढ़ में को-ऑपरेटिव चुनाव के दौरान हुई घटना का वीडियो डाला गया, जिसमें लिखा गया- ''यह घटना को-ऑपरेटिव चुनाव के समय की है. जिसमें पूर्व विधायका दिव्या मदेरणा द्वारा एक वोटर को अपनी गाड़ी में बैठा कर लें जाया जा रहा था, जो की नियम विरुद्ध था. इस संबध में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही रही है."
वहीं, पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा ने एसपी को लेकर कई सवाल भी पूछे. उन्होंने कहा कि भला उन्हें ये दिव्य ज्ञान कहां से मिलता है. हालांकि, एसपी ने भी लगे हाथ हमला किया और भोपालगढ़ की घटना को लेकर पहली बार तथ्य उजागर किया है. इस पर रात 12 बजे दिव्या ने पलटवार करते हुए लिखा- ''कृपया जोधपुर ग्रामीण पुलिस मुझे यह बताए कि कौन सा वो नियम है, जिसके तहत वोटर का मेरी गाड़ी में बैठाना नियम विरूद्ध है. कहां से आप ये दिव्य ज्ञान लाए हैं. आपने कौन सी किताब या मैन्युअल में पढ़ा? वोटर कब किसकी गाड़ी में बैठ सकता है और किसकी गाड़ी में नहीं, इसकी पूरी जानकारी कहां मिलेगी? मैंने जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र यादव से पुलिस सुरक्षा मांगी थी कि वोटर को वोट नहीं देने देंगे और अटैक होगा. सुरक्षित मतदान करवाना पुलिस की जिम्मेदारी है. एसपी ने नियम के विरुद्ध इस कृत्य के लिए जोधपुर से भोपालगढ़ तक पुलिस सुरक्षा क्यों दी ?"
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एसपी ने बताया नियम : दिव्या मदेरणा द्वारा वोटर को साथ नहीं ले जाने का नियम पूछने पर एसपी के हैंडल से रात पौने एक बजे रूल का फोटो पोस्ट किया गया, जिसमें बताया गया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 133 के तहत किसी निर्वाचक को उम्मीदवार के अतरिक्त को लाने के लिए वाहन का उपयोग करता है तो नॉन कोगनीजेबल जुर्म है. इसके लिए तीन माह की सजा का प्रावधान है. इसके बाद दिव्या मदेरणा की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. उनके समर्थक जरूर पुलिस को ट्रोल करने की कोशिश करते रहे.