लखनऊ : सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति फिलहाल अभी जेल में ही रहेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. आज उनकी जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. प्रजापति रेप के केस में बीते 7 वर्षों से जेल में बंद हैं. वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं.
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मो. फैज आलम खान की खंडपीठ के सामने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ-साथ आशीष कुमार शुक्ला व अशोक तिवारी के जमानत की याचिका पर भी फैसला सुनाए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया था. आरोपियों की ओर से मामले के तथ्यों के साथ-साथ मुख्य रूप से उनके द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को भी जमानत का आधार बताया गया था.
वहीं राज्य सरकार ने बहस के दौरान जमानत दिए जाने का विरोध किया था. इसके बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने जमानत याचिका खारिज कर दी. गायत्री खनन घोटाले समेत कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद हैं लेकिन उसके खिलाफ दर्ज रेप का यह मामला सबसे संगीन माना जाता है.
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दरअसल, 18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की याचिका पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य 6 आरोपियों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया था. इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. वहीं, 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए (1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था.