बक्सर: बिहार के हॉट सीटों में से एक बक्सर लोकसभा सीट पर पूर्व मंत्री ददन पहलवान और उनके पुत्र निर्भय यादव ने नामांकन कर चुनावी महासंग्राम को दिलचस्प बना दिया है. दोनों ने भाजपा प्रत्याशी मिथलेश तिवारी और राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह की नींद उड़ा दी है. वहीं, पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने भी नामांकन भर दोनों बड़े दल की मुश्किलें बढ़ा दी है.
1 जून को होगा मतदान: दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें एवं अंतिम चरण में 1 जून को बक्सर में चुनाव होने वाला है. जहां इस सीट पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान और उनके पुत्र निर्भय यादव सेमत 22 निर्दलीय एवं पांच दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है. जिसके बाद से इस लोकसभा सीट का समीकरण बिगाड़ गया है.
प्रत्याशियों की नींद हराम: इससे भाजपा, राजद, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियो की नींद हराम हो गई है. जिस MY समीकरण के बदौलत राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह और ब्राह्मण समाज बहुल के बदौलत भाजपा प्रत्याशी मिथलेश तिवारी दम भर रहे थे, उस राजनीतिक तिलिस्म के किले को स्थानीय उम्मीदवारों ने तोड़ दिया है.
बक्सर सीट से इन्होंने ताल ठोका: आलम यह है कि अल्पसंख्यक समाज से ताफीर हुसैन, रिजवान खान, महादलित समाज से आने वाले सूरज कुमार राम, यादव समाज से आने वाले ददन पहलवान और उनके पुत्र निर्भय यादव, राजपूत समाज से आने वाले सुधाकर सिंह, अजय कुमार सिंह ब्राह्मण समाज से आने वाले मिथलेश तिवारी, दो आनन्द मिश्रा सुनील दुबे, गोंड समाज से आने वाले रजिंद्र गोंड समेत कुल 27 प्रत्याशि मैदान में ताल ठोक रहे है.
पिता पुत्र के बीच होगा मुकाबला?: उत्तरायणी गंगा की तट पर बसा विश्वामित्र की नगरी बक्सर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यंहा के कण-कण में बसा स्वाभिमान लोगों के चेहरे पर साफ झलकता है. यहीं कारण है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के दर्जनों लोकसभा सीट पर बक्सर का परिणाम सीधा प्रभाव डालता है.
मोदी और योगी करेंगे सभाएं: भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की माने तो इस लोकसभा सीट की महत्ता को देखते हुए, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को बक्सर में जनसभा करेंगे. जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बक्सर लोकसभा क्षेत्र में कुल तीन सभा करेंगे.
10 मई को तेजस्वी कर चुके रैली: इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, समेत भाजपा शासित कई प्रदेश का मुख्यमंत्री इस लोक सभा सीट को जीतने के लिए पूरे दमखम के साथ चुनावी सभा करेंगे. बता दें कि 10 मई को तेजस्वी यादव पहले ही ऐतिहासिक किला मैदान से राजद प्रत्याशी के पक्ष में सभा को सम्बोधित कर चुके है.
आनन्द ही बिगाड़ेंगे आनन्द का खेल: इधर, असम का पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा के नामांकन के बाद एक और स्थानीय आनंद मिश्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया हैं. जिससे इस लोकसभा सीट का समीकरण पूरी तरह से बिगड़ गया है.
लोकसभा सीट की सरगर्मी बढ़ी: राजनीतिक जानकारों की माने तो ददन पहलवान और उनके पुत्र ने इस लोकसभा सीट की सरगर्मी को बढ़ा दिया है. वहीं, आनन्द ही आनन्द का खेल बिगाड़ते दिख रहे है. जिस मुस्लमान वोट पर राजद की निगाहें थी उसमें भी ददन पहलवान ने ओवैसी और हिना साहब का समर्थन लेकर सेंध लगा दिया है. बाकी वोट को स्थानीय मुस्लमान उम्मीदवार सबका खेल बिगाड़ देंगे.