देहरादून: हरिद्वार से पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बीजेपी परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है. बीजेपी का कहना है कि हरीश रावत के बेटे को टिकट से स्पष्ट होता है कि कांग्रेसी परिवारवाद को देवभूमि में सींच रहे हैं. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
हरीश रावत ने गिनाए बीजेपी नेताओं के नाम: पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह के बेटे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष हैं, जिन बालासाहेब ठाकरे के साथ उनकी सालों से दोस्ती रही है, तब क्या परिवारवाद नहीं था. इसी तरह जिस अकाली दल के साथ इनकी दोस्ती रही है, तब उनको क्या परिवारवाद नजर नहीं आया? इनको राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह नहीं दिखाई दे रहे हैं. इसी तरह वसुंधरा राजे सिंधिया के सांसद बेटे इन्हें नहीं दिखाई दे रहे हैं. इसी तरह कई सारे ऐसे नाम हैं, जो इन्हें बिल्कुल नहीं दिखाई दे रहे हैं.
वीरेंद्र रावत ने बोला हमला: इधर, हरीश रावत के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत ने भी बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर राजनाथ सिंह के बेटे विधायक बन जाते हैं, तब वहां परिवारवाद नहीं दिखाई देता है. इस तरह वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद बन जाते हैं, लेकिन बीजेपी की नजर में वहां परिवारवाद नहीं है.
टिकट देने का बताया कारण: वीरेंद्र रावत का कहना है कि कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में यह निष्कर्ष निकाला गया कि अगर परिवार का कोई सदस्य पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है तो उसके नाम पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो छात्र जीवन से ही कांग्रेस की सेवा करते आ रहे हैं. आज पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कांग्रेस में सक्रिय योगदान देते आ रहे हैं. इसी के परिणाम स्वरूप शीर्ष नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें हरिद्वार से टिकट दिया है.
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