जयपुर : राजधानी जयपुर के जलेब चौक और उसके आसपास के इलाकों से स्ट्रीट वेंडर्स को हटाए जाने के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. इस बहाने उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को भी आड़े हाथों लिया है.
उनका आरोप है कि जयपुर में जलेब चौक और आसपास के इलाकों से स्ट्रीट वेंडर्स को जबरन हटाया जा रहा है. उनके पास वैध दस्तावेज होने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इस विषय पर प्रमुखता से संज्ञान लेकर इन गरीब लोगों के साथ हो रही अन्यायपूर्वक कार्रवाई को रोका जाए और पथ विक्रेता अधिनियम के अनुरूप इन्हें वैध तरीके से स्थापित किया जाए.
इसे भी पढे़ं. गहलोत बोले- कोविड में जान जोखिम में डालकर काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार ने हटाया, यह ठीक नहीं
2014 में UPA सरकार के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों को वेंडिंग जोन एवं एक पक्की जगह देने के उद्देश्य से पथ विक्रेता अधिनियम बनाया गया था। परन्तु केन्द्र में NDA सरकार आने के बाद इस अधिनियम को सही तरीके से लागू नहीं किया गया।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 6, 2025
मेरे पास जयपुर के रेहड़ी-पटरी विक्रेता यूनियन के प्रतिनिधि…
यूपीए सरकार ने बनाया था पथ विक्रेता अधिनियम : गहलोत ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा कि 2014 में यूपीए सरकार के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों को वेंडिंग जोन एवं एक पक्की जगह देने के उद्देश्य से पथ विक्रेता अधिनियम बनाया गया था, लेकिन केन्द्र में एनडीए सरकार आने के बाद इस अधिनियम को सही तरीके से लागू नहीं किया गया. उन्होंने इस मामले को लेकर केंद्र की सरकार पर भी निशाना साधा है.
प्रतिनिधियों ने की है गहलोत से मुलाकात : पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि उनके पास जयपुर के रेहड़ी-पटरी विक्रेता यूनियन के प्रतिनिधि आए, जिन्होंने बताया कि जयपुर में जलेब चौक एवं आसपास के इलाकों में वर्षों से अपनी जीविकोपार्जन कर रहे विक्रेताओं को बलपूर्वक हटाया जा रहा है. इन विक्रेताओं के पास वैध कागजात भी हैं, लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही.