जयपुर: हाल में जयपुर आए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जातिगत आरक्षण को समाप्त करने का बयान देकर इस मुद्दे पर छिड़ी बहस को और बढ़ा दिया है. रामभद्राचार्य के बयान के बाद जहां आरक्षित वर्ग आंदोलन कर रहा है, वहीं दूसरी ओर रामभद्राचार्य के इस बयान का बीजेपी के पूर्व विधायक और हिंदूवादी नेता के रूप में पहचान रखने वाले ज्ञानदेव आहूजा ने कड़ा विरोध किया है. आहूजा ने संत रामभद्राचार्य को सलाह दी कि वे इस तरह के बयानों से बचें. साथ ही आहूजा ने अधिकारियों कर्मचारियों को लेकर नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल के बयान का भी समर्थन किया.
समाज को आज भी आरक्षण जरूरत : बीजेपी नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि देश की 70 फीसदी आबादी को आज भी आरक्षण की जरूरत है. जातिगत आरक्षण अभी समाप्त नहीं होना चाहिए. जहां तक बात रामभद्राचार्य के जातिगत आरक्षण को लेकर दिए बयान की है, मैं इस बयान को सही नहीं मानता हूं. साधु संतों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.
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ये बोले थे स्वामी रामभद्राचार्य: बता दें कि पिछले दिनों जयपुर में कथा करने आए जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा था कि सरकारों को जाति के आधार पर आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर देना चाहिए और ये जल्दी होने वाला है. इसको समाप्त करना हीं होगा और ये होगा.
बेनीवाल के बयान का समर्थन: उधर, एसडीएम थप्पड़ कांड के बाद पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने हनुमान बेनीवाल के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की बात का समर्थन किया था. आहूजा ने कहा कि नरेश मीणा ने जो किया, वह किस काल परिस्थिति में किया गया, यह देखने वाली बात है. आखिर किस कारण से उन्हें इस तरह गुस्सा आया और उन्होंने एक अधिकारी को थप्पड़ मारा. आहूजा ने कहा कि बेनीवाल ने जो बयान दिया है वह सही है, क्योंकि मैं खुद भी इस तरह की घटना से पीड़ित रहा हूं. मेरे विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए एक अधिकारी ने पोलिंग बूथ को कैप्चर कर लिया था और जब मैंने इसका विरोध किया तो मेरे साथ में काफी बदतमीजी की गई थी.