कानपुर देहात : कल तक जो उत्तर प्रदेश में जंगल की रानी कही जाती थी और लोग उसके नाम से भी कांप उठते थे आज वो दबंगों से बेहद परेशान है. सरकार से न्याय की गुहार लगा रही है. जी हां! हम बात कर रहे हैं पूर्व दस्यु सुंदरी सीमा यादव की. सीमा अब तीन साल बाद जेल से छूटकर आई हैं. उनका आरोप है कि दबंग उन्हें परेशान कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें खौफ है की कानुपर देहात पुलिस उनका एनकाउंटर न कर दे.
उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए बताया कि जब वो डाकू थीं, अगर तब उनका एनकाउंटर पुलिस कर देती तो उन्हें दुःख ना होता, लेकिन आत्मसमर्पण के बाद वो अब आम लोगों की तरह अच्छी जिंदगी जीना चाहती हैं, लेकिन उन्हें दबंग परेशान कर रहे हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है, क्योंकि उनके नाम के आगे डाकू शब्द लगा है. उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तो तब ही था जब वो डाकू थीं. कम से कम लोग खौफ से इज्जत तो करते थे.
जानिए कौन हैं सीमा यादव : दस्यु सुंदरी सीमा यादव जनपद कानपुर देहात के सिकंदरा थाना अंतर्गत महरूपुर गांव की रहने वाली हैं. इनके पिता जुलुम सिंह ने 11 साल की उम्र में सीमा यादव की शादी 1998 में इटावा के भवानीपुर गांव निवासी 25 साल के कल्लू सिंह से कर दी थी. शादी के करीब सात महीने बाद ही सीमा यादव के पति ने इनका सौदा सलीम गैंग के मुखिया से कर दिया था. जब डकैतों ने सीमा यादव के भाई गंभीर के बारे में सुना तो खरीदने से मना कर दिया. सीमा यादव का भाई 1999 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया और सीमा यादव के वहीं से बुरे दिन शुरू हो गए थे.
12 साल की उम्र में डकैतों के बीच फंस गई थीं सीमा यादव : उन्होंने बताया कि पति कल्लू सिंह ने एक बार सीमा यादव को बेचने के लिए जहर मिली दाल पिलाने की कोशिश की थी. जब उन्होंने शोर मचाया तो आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन तब तक सीमा यादव बेहोश हो गई थीं. जब उनकी नींद खुली तो वह नामी डकैत चंदन यादव के घर थीं. उनके पति ने उनका सौदा 60 हजार में कर दिया था. जब वह गुंडों के बीच फंसी थीं, तब वह 12 साल की थीं.
12 साल की उम्र में उठाया था सीमा यादव ने हथियार : डकैत सीमा यादव ने 12 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था. उन्होंने कहा कि जब गुंडों के कब्जे में थीं तब खुद को छोड़ने के लिए हाथ-पैर जोड़ने लगीं, लेकिन डकैत चंदन ने फिरौती में सीमा यादव के पिता से पांच लाख रुपये और पांच बीघा जमीन की मांग की, लेकिन सीमा यादव के पिता ने देने से मना कर दिया. उसके बाद सीमा यादव से डकैत चंदन डकैती कराने लगा था.
सीमा यादव के भाई पति के हाथों मरने से बचाई थी जान : सीमा यादव के घर डकैतों का आना जाना था. उन्होंने कहा कि एक रात दो दर्जन से ज्यादा डकैत उनके घर आ गए. तब इनके पति ने सभी के लिए सीमा से खाना बनवाया. उनके जाने के बाद सीमा यादव ने पति से कहा कि मुझे डकैतों का आना पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सब बंद नहीं होगा तो पुलिस को कंप्लेन करूंगी. उस पर सीमा यादव के पति कल्लू सिंह ने उनको बहुत मारा, जिससे वे बेहोश हो गईं. उस दिन सीमा यादव के भाई गंभीर ने उन्हें बचाया था. सीमा यादव के भाई से ससुराल वाले डरते थे.
कोई परेशानी न होने का किया था वादा : पूर्व दस्यु सुंदरी सीमा ने बताया कि अब उन्हें बिना किसी अपराध के सजा दी जा रही है. उसकी सजा उनकी मासूम बच्ची को भी भुगतनी पड़ती है, जिसकी उम्र महज 6 साल की है. उन्होंने कहा कि जब वह डाकू थीं और उन्होंने आत्मसमर्पण किया था, तब सरकार ने उनसे वादा किया था की अब आप अच्छा जीवन जिएं, अब आपको कोई परेशानी नहीं होगी, ना कोई परेशान करेगा. उन्होंने कहा कि मैंने तो अच्छी जिंदगी जीने का सपना देखा था, लेकिन जिले के दबंग मुझे परेशान कर रहे हैं.