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पहाड़ों में आग बुझाने के लिए हरिद्वार से वनकर्मियों का दल रवाना, चमोली में प्रमुख वन संरक्षक ने संभाला मोर्चा - Uttarakhand Forest Fire - UTTARAKHAND FOREST FIRE

Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड वनाग्नि से जूझ रहा है. पहाड़ से लेकर मैदान तक जंगल जल रहे हैं. वनाग्नि से उठता धुआं आमजन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. वनाग्नि से निपटने के लिए वनकर्मी लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं. इस कड़ी में हरिद्वार से पहाड़ों में आग बुझाने के लिए वन कर्मियों की टीम रवाना हो गई है. उधर, चमोली में प्रमुख वन संरक्षक ने पिंडर घाटी का भ्रमण किया.

Uttarakhand Forest Fire
आग बुझाने के लिए वन महकमे ने कसी कमर (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 8, 2024, 7:45 PM IST

हरिद्वार/चमोली/गैरसैंण: उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन महकमा धरातल पर उतरा हुआ है. चमोली में प्रमुख वन संरक्षक ने मोर्चा संभाल लिया है. आज उन्होंने पिंडर घाटी का भ्रमण किया. इधर, हरिद्वार से वन विभाग के कर्मचारियों का एक दल पहाड़ के लिए रवाना हो गया है. रवानगी से पहले हरिद्वार के डीएफओ वैभव सिंह ने सभी कर्मचारियों को ब्रीफ किया. साथ ही उन्हें फायर उपकरण भी सौंपे.

हरिद्वार डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि वन कर्मियों की 7 टीमों को पौड़ी और टिहरी जिले के जंगलों में तैनात किया जाएगा. हरिद्वार में अभी तक एक भी वनाग्नि का मामला सामने नहीं आया है. भविष्य में आग लगने की सूचना मिलती है तो आग बुझाने के लिए उन्होंने पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं. बता दें कि 7 सदस्यीय टीमों में एक टीम महिला वन कर्मियों की भी शामिल है, जो जंगलों की आग बुझाने में साहसिक भूमिका निभाएंगी.

हरिद्वार के जंगलों पर ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी: हरिद्वार डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम निगरानी रखी जा रही है. अब तक हरिद्वार में कोई भी वनाग्नि की घटना देखने को नहीं मिली है. जिला प्रशासन से 10 पीआरडी जवान भी मिल गए हैं. जिन्हें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है.

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हरिद्वार से वनकर्मी रवाना (फोटो- ईटीवी भारत)

अग्निशमन विभाग का लिया जाएगा सहारा: डीएफओ वैभव कुमार ने बताया कि यदि जरूरत पड़ी तो वन विभाग हरिद्वार में अग्निशमन विभाग का भी सहारा लेगा. जिसे लेकर हरिद्वार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से लगातार वार्ता चल रही है. जहां तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच सकेगी, वहां तक आग लगने की स्थिति में उनका इस्तेमाल किया जाएगा.

चमोली में प्रमुख वन संरक्षक ने संभाला मोर्चा, पिंडर घाटी का किया भ्रमण: रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन महकमे ने कमर कस ली है. नोडल अधिकारी प्रमुख वन संरक्षक वीपी गुप्ता और बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे पिंडर घाटी समेत थराली, नारायणबगड़, देवाल के भ्रमण पर हैं.

वनाग्नि की रोकथाम के लिए प्रमुख वन संरक्षक जहां वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं तो वहीं वनाग्नि की घटनाओं का फीडबैक भी ले रहे हैं. थराली में प्रमुख वन संरक्षक वीपी गुप्ता ने बताया कि चमोली जिले 5 वन प्रभाग हैं, जिनमें अब तक 128 वनाग्नि की घटनाएं हुई है. पांचों प्रभागों का 175 हेक्टेयर वन क्षेत्र वनाग्नि से प्रभावित हुआ है.

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आग बुझाते वनकर्मी (फोटो- ईटीवी भारत)

उधर, केदारनाथ और बदरीनाथ वन प्रभाग में 4 स्थानों पर वनाग्नि की सूचना मिलते ही फील्ड कर्मियों ने 3 घटनाओं पर काबू पा लिया है. वहीं, एक घटना में आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे ने बताया कि जिले में वनाग्नि से निपटने के लिए 106 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं.

इसके अलावा 286 फायर वाचर और 407 फील्ड कर्मचारियों के साथ ही 36 विभागीय, 10 किराए के वाहन, 19 मोटर साइकिल तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही. चमोली जिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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हरिद्वार डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि वन कर्मियों की 7 टीमों को पौड़ी और टिहरी जिले के जंगलों में तैनात किया जाएगा. हरिद्वार में अभी तक एक भी वनाग्नि का मामला सामने नहीं आया है. भविष्य में आग लगने की सूचना मिलती है तो आग बुझाने के लिए उन्होंने पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं. बता दें कि 7 सदस्यीय टीमों में एक टीम महिला वन कर्मियों की भी शामिल है, जो जंगलों की आग बुझाने में साहसिक भूमिका निभाएंगी.

हरिद्वार के जंगलों पर ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी: हरिद्वार डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम निगरानी रखी जा रही है. अब तक हरिद्वार में कोई भी वनाग्नि की घटना देखने को नहीं मिली है. जिला प्रशासन से 10 पीआरडी जवान भी मिल गए हैं. जिन्हें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिया गया है.

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हरिद्वार से वनकर्मी रवाना (फोटो- ईटीवी भारत)

अग्निशमन विभाग का लिया जाएगा सहारा: डीएफओ वैभव कुमार ने बताया कि यदि जरूरत पड़ी तो वन विभाग हरिद्वार में अग्निशमन विभाग का भी सहारा लेगा. जिसे लेकर हरिद्वार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से लगातार वार्ता चल रही है. जहां तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंच सकेगी, वहां तक आग लगने की स्थिति में उनका इस्तेमाल किया जाएगा.

चमोली में प्रमुख वन संरक्षक ने संभाला मोर्चा, पिंडर घाटी का किया भ्रमण: रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन महकमे ने कमर कस ली है. नोडल अधिकारी प्रमुख वन संरक्षक वीपी गुप्ता और बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे पिंडर घाटी समेत थराली, नारायणबगड़, देवाल के भ्रमण पर हैं.

वनाग्नि की रोकथाम के लिए प्रमुख वन संरक्षक जहां वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं तो वहीं वनाग्नि की घटनाओं का फीडबैक भी ले रहे हैं. थराली में प्रमुख वन संरक्षक वीपी गुप्ता ने बताया कि चमोली जिले 5 वन प्रभाग हैं, जिनमें अब तक 128 वनाग्नि की घटनाएं हुई है. पांचों प्रभागों का 175 हेक्टेयर वन क्षेत्र वनाग्नि से प्रभावित हुआ है.

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आग बुझाते वनकर्मी (फोटो- ईटीवी भारत)

उधर, केदारनाथ और बदरीनाथ वन प्रभाग में 4 स्थानों पर वनाग्नि की सूचना मिलते ही फील्ड कर्मियों ने 3 घटनाओं पर काबू पा लिया है. वहीं, एक घटना में आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे ने बताया कि जिले में वनाग्नि से निपटने के लिए 106 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं.

इसके अलावा 286 फायर वाचर और 407 फील्ड कर्मचारियों के साथ ही 36 विभागीय, 10 किराए के वाहन, 19 मोटर साइकिल तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही. चमोली जिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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