रांची: झारखंड में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या मानी जाती है. हर दिन रोजगार के लिए लाखों लोग झारखंड से दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. इसे देखते हुए वन विभाग ने पहल की है. दरअसल, वन विभाग झारखंड के विभिन्न डैम और झीलों में बोटिंग की व्यवस्था कर रहा है ताकि डैम और झील घूमने आने वाले लोग बोटिंग कर झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठा सकें. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सके. वन विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसकी शुरुआत रांची के गेतलसूद डैम से की जा रही है. अधिकारी इसे अंतिम रूप देने में जुटे हैं.
लोगों को दी जा रही बोटिंग की ट्रेनिंग
जिला वन पदाधिकारी श्रीकांत वर्मा ने बताया कि इसकी शुरुआत रांची के गेतलसूद डैम से की जा रही है. आने वाले दिनों में अन्य झीलों और जलाशयों पर भी बोटिंग शुरू की जायेगी. स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सके, इसके लिए व्यवस्था शुरू की जा रही है. इसकी जिम्मेदारी लिटमस मरीन नामक संस्था को दी गई है. संस्था गेतलसूद डैम के आसपास रहने वाले लोगों को बोटिंग का प्रशिक्षण दे रही है, ताकि वे पर्यटकों को सुरक्षित तरीके से बोटिंग का आनंद दिला सकें. जो लोग प्रशिक्षण ले रहे हैं उन्हें नाविक का लाइसेंस भी दिलाया जा रहा है ताकि सुरक्षा की दृष्टि से हर चीज का सख्ती से ख्याल रखा जा सके.
सौंदर्यीकरण का भी रखा जाएगा ख्याल
वन पदाधिकारी ने यह भी कहा कि नौकायन सुविधाओं को मजबूत करने के बाद डैम और झीलों के आसपास सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा. वन विभाग की इस पहल के पीछे मुख्य कारण झारखंड के सुदूरवर्ती और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मूल निवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है. ताकि उन्हें पलायन जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
वन विभाग की इस पहल पर स्थानीय लोगों ने भी खुशी जताई. स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर इसी तरह की योजनाएं ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखकर लायी गयीं तो आने वाले दिनों में झारखंड से पलायन पूरी तरह खत्म हो जायेगा.
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