रुद्रप्रयाग: अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर वन बीट अधिकारियों का धरना-प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार छठवें दिन भी जारी रहा. वन प्रभाग कार्यालय में धरने पर कर्मचारियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी. कर्मचारियों ने यहां नारेबाजी भी की. वहीं वन बीट अधिकारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से काम ठप्प हो गया है.
मंगलवार को जिले के सभी वन बीट अधिकारी वन प्रभाग कार्यालय में एकत्रित हुए और धरना-प्रदर्शन शुरू कर काम का बहिष्कार किया. इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वन बीट अधिकारियों ने कहा कि जब तक पांच सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं हो जाती, हड़ताल जारी रहेगी.
वन बीट अधिकारियों की क्या है मांगें: बीट अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को पुनः लागू किया जाए, जबकि तीन वित्तीय वर्षों में दस वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके वन आरक्षियों को पदोन्नति देने, वन आरक्षियों की वर्दी नियमों में संशोधन करने, एक महीने का अतिरिक्त वेतन व आहार भत्ता देने, वन आरक्षी चौकियों का मकान भत्ता कटौती नहीं करने की मांग की जा रही है. मांगों को लेकर बार-बार आश्वासन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.
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पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शासन से बीते 14 फरवरी को संगठन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई थी. इसमें शासन द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया था. संगठन ने ये फैसला लिया कि जब तक लिखित आश्वासन या शासनादेश जारी नहीं होता, तब तक धरना व कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.
वहीं वन बीट अधिकारियों के कार्य बहिष्कार के कारण फायर सीजन के पहले चरण में वनाग्नि के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है. साथ ही वनों को आग से बचाने के लिए विभागीय प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. हड़ताल पर बैठे कर्मियों के कारण विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहे हैं, खासकर वनाग्नि की घटनाओं से निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. धरना देने वालों में वन बीट अधिकारी आशुतोष पुरोहित, प्रियांशु भंडारी, विद्या रावत, हीरा राणा, गौरव पुरोहित, अजय सेमवाल, प्रियांशु भंडारी, कुलजीत सिंह, पूनम आदि मौजूद थे.
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