जयपुर. राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने गुरुवार को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का औचक निरीक्षण किया. वन मंत्री दोपहर को आम पर्यटक की तरह टिकट खिड़की से टिकट लेकर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पहुंचे. वन मंत्री ने नाहरगढ़ पार्क में शौचालय, सफाई और पानी की व्यवस्था समेत तमाम व्यवस्थाओं को चेक किया. इसके साथ ही पर्यटकों से संवाद करके सुविधाओं और परेशानियों के संबंध में जानकारी ली. इस दौरान नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में कई अनियमिताए पाई गईं, जिस पर वन मंत्री ने नाराजगी जाहिर की. नाहरगढ़ पार्क में वन्यजीव के लिए आने वाले खाने को लेकर भी चिंता जाहिर की. वन्यजीवों का खाना 11:00 बजे की बजाय 1:00 बजे बाद लाया गया था. उन्होंने मांस की शुद्धता पर भी सवाल उठाए.
वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा के मुताबिक गुरुवार को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में औचक निरीक्षण किया, जहां पर कर्मचारियों और अधिकारियों की काफी अनियमिताएं सामने आई है. इसको लेकर अधिकारियों को जल्द दुरुस्त करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पाई गई अनियमिताओं के बारे में अवगत करवाया गया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटकों से बातचीत करके उनकी समस्याओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गई. पार्क में पर्यटकों को सफारी करवाने के लिए एक ही इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल था. इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पर्यटकों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी : गुरुवार दोपहर को अचानक वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर भी चेक किया, जिसमें कई कर्मचारी नदारद मिले. इसको लेकर मंत्री ने फटकार लगाई. पार्क में प्लास्टिक प्रतिबंध होने के बावजूद भी प्लास्टिक की बोतल देखकर मंत्री ने नाराजगी जाहिर की. इसके साथ ही पार्क में कर्मचारियों की काफी अनियमिताएं सामने आई. पार्क में जगह-जगह पर कचरा और प्लास्टिक की बोतल नजर आई. पार्क में करीब 1:30 बजे वन्यजीवों को भोजन दिया जा रहा था, जबकि वन्यजीवों को भोजन देने का समय सुबह 11:00 का होता है. ऐसे में वन मंत्री ने चिंता जाहिर की और वन्यजीवों को खिलाया जा रहे भोजन की गुणवत्ता को लेकर भी जांच के निर्देश दिए. भोजन से बदबू आ रही थी. वन मंत्री ने जानवरों के लिए आने वाले मांस की शुद्धता पर भी सवाल उठाए. इस पर वन मंत्री ने उच्च अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए. वन मंत्री ने कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.