लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यूपी की कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर सभी जिलों के पुलिस कप्तान , डीएम और मंडलायुक्तों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि कांवड़ यात्रा हो या मुहर्रम, आस्था का सम्मान है लेकिन यदि कोई नई परंपरा शुरू करना चाहता है तो उसे इस बात की अनुमति नहीं दी जाएगी। सीएम ने अफसरों को दो टूक कहा की, दूसरे की धार्मिक भावना को आहत करने वालों के साथ कड़ाई से निपटा जाए. इसके अलावा ओवरसाइज डीजे हो या ताजिया को अनुमति न दिए जाने को लेकर भी सीएम ने निर्देश दिए हैं.
रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों को देखते हुए पुलिस कमिश्नरों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तान के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक का मुद्दा 22 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण मास, शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन समेत कांवड़ यात्रा निकलेगी. कांवड़ यात्रा के चलते उत्तराखण्ड की सीमा से लगे जिले और गाजियाबाद, मेरठ, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, बाराबंकी, बस्ती काफी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में राज्यों के बीच और सभी जिलों के बीच व सीमावर्ती जिलों की दूसरे राज्यों के साथ स्थानीय प्रशासन सीमावर्ती राज्यों से बातचीत बनाए रखने को लेकर सीएम ने दिशा निर्देश दिए है.
सीएम ने बीते वर्ष हुई कुछ घटनाओं को देखते हुए कहा कि कावंड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन है. परंपरागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं. ऐसे में यह तय करें कि डीजे, गीत-संगीत की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो. डीजे की ऊंचाई एक तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस की खरीद-बिक्री न हो. यात्रा मार्ग पर स्वच्छ्ता-सैनिटाइजेशन बनी रहे. स्ट्रीट लाइट की अच्छी व्यवस्था हो. कांवड़ शिविर लगाने वाली समितियों के सहयोग लें. यात्रा मार्गों को चिन्हित करते हुए भीड़ प्रबंधन, रूट डायवर्जन, पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था समय से कर ली जाए. सभी शिवालयों की सफाई करा लें.
वहीं, मोहर्रम जुलूस के को लेकर सीएम ने निर्देश दिए कि मुहर्रम में निकलने वाली ताजिया से जुड़ी समितियों और पीस कमेटी के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा संवाद-समन्वय बनाया जाए. बीते वर्ष कुछ स्थानों पर दुर्घटनाएं घटित हुई थीं. उनसे सीख लेते हुये इस वर्ष सभी आवश्यक प्रबंध किए जाने चाहिए. ताजिया की ऊंचाई परंपरा के अनुरूप ही हो. दुर्घटना का कारक बनने वाले अनावश्यक रूप से ओवरसाइज ताजिया जुलूस में न शामिल हों. सीएम ने कहा कि धार्मिक परंपरा, आस्था को सम्मान दें, लेकिन परंपरा के विरुद्ध कोई कार्य न हो.
उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्राओं जुलूसों में किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों, ताजिया वहीं रखे जाएं जहां किसी प्रकार का विवाद न हो. यदि नया विवाद सामने आता है तो पहले उसका निस्तारण करें फिर निर्णय लें. सीएम ने अफसरों को कहा कि, शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें. सुरक्षा में कोई सेंध न लगा पाये, इसके लिए हमें हर समय अलर्ट रहना होगा. कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन करें. अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए. ड्रोन से भी निगरानी करें.
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