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पहली दफा एक साथ डीसी - एसपी पहुंचे नक्सल प्रभावित नौकनिया, कहा मिलकर हर समस्या होगी दूर - NAUKANIYA VILLAGE

कभी नक्सल प्रभावित रहे गिरिडीह के नौकनिया गांव में पहली बार डीसी और एसपी एक साथ पहुंचे. उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं.

Naukaniya village of Giridih
सामग्री वितरण करते गिरिडीह डीसी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 4, 2025, 7:42 PM IST

Updated : Jan 4, 2025, 7:48 PM IST

गिरिडीह: नक्सलियों के गढ़ रहे पारसनाथ की तराई में बसे नौकनिया गांव में शनिवार को प्रशासन की टीम पहुंची. पहली बार जिले के डीसी और एसपी एक साथ यहां पहुंचे, लोगों से मिले, उनकी समस्याएं सुनीं. साथ ही, सामुदायिक पुलिस कैंप के तहत लोगों के बीच सामान का वितरण किया. इस दौरान डीसी नमन प्रियश लकड़ा, एसपी डॉ बिमल कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट, एएसपी सुरजीत समेत अन्य पदाधिकारियों ने लोगों के बीच विभिन्न प्रकार के सामान का वितरण किया.

डीसी नमन नमन प्रियश लकड़ा ने कहा कि अगुआ साथियों के प्रयास से ग्रामीणों से संवाद स्थापित होता है. उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं और कहा कि प्रशासन हमेशा जनता की सेवा के लिए तत्पर है.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (ईटीवी भारत)

एसपी डॉ बिमल कुमार ने कहा कि पुलिस महकमा जनता के लिए हमेशा तैयार है. हर सूचना पर पुलिस पहुंचती है. जो लोग भटके हुए हैं, वे लोग भी मुख्यधारा से जुड़ें. एएसपी सुरजीत ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से आम लोगों के साथ पुलिस का रिश्ता मजबूत होता है.

ये रहे मौजूद

इस दौरान 154 बटालियन के कमांडेंट सुनील दत्त त्रिपाठी, द्वितीय कमांड अधिकारी दलजीत सिंह भाटी, एसडीपीओ सुमित कुमार, अंचल अधिकारी गिरजानंद किस्कू, बीडीओ मनोज कुमार मरांडी, खुखरा थाना प्रभारी निरंजन कच्छप, बीपीओ सतीश कुमार, मुखिया रामसागर किस्कू, पंचायत समिति सदस्य समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे.

नौकनिया का क्या रहा माहौल

यहां आपको बता दें कि नौकनिया पारसनाथ की तलहटी में बसा है. यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जोन रहा है. यहां वर्ष 2012-13 में नक्सलियों ने स्कूल भवन को उड़ा दिया था. जबकि वर्ष 2014 में फेलो के एक छात्र समेत चार कर्मचारियों को अगवा कर यहां रखा गया था. हालांकि अब यहां की स्थिति बदल गई है. यहां सड़क बन गई है. उस स्कूल का भवन भी बन गया है. इस घटना के करीब 11 साल बाद प्रशासन यहां पहुंचा है. कहा जा सकता है कि पहली बार डीसी और एसपी एक साथ इस गांव में पहुंचे. मुखिया रामसागर किस्कू ने कहा कि पहली बार एक साथ वरीय पदाधिकारी यहां पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें:

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लारा नदी का आकर्षण, नक्सलियों का आतंक खत्म होने के बाद बन गया है बेहतरीन पिकनिक स्पॉट

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डीसी नमन नमन प्रियश लकड़ा ने कहा कि अगुआ साथियों के प्रयास से ग्रामीणों से संवाद स्थापित होता है. उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं और कहा कि प्रशासन हमेशा जनता की सेवा के लिए तत्पर है.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा (ईटीवी भारत)

एसपी डॉ बिमल कुमार ने कहा कि पुलिस महकमा जनता के लिए हमेशा तैयार है. हर सूचना पर पुलिस पहुंचती है. जो लोग भटके हुए हैं, वे लोग भी मुख्यधारा से जुड़ें. एएसपी सुरजीत ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से आम लोगों के साथ पुलिस का रिश्ता मजबूत होता है.

ये रहे मौजूद

इस दौरान 154 बटालियन के कमांडेंट सुनील दत्त त्रिपाठी, द्वितीय कमांड अधिकारी दलजीत सिंह भाटी, एसडीपीओ सुमित कुमार, अंचल अधिकारी गिरजानंद किस्कू, बीडीओ मनोज कुमार मरांडी, खुखरा थाना प्रभारी निरंजन कच्छप, बीपीओ सतीश कुमार, मुखिया रामसागर किस्कू, पंचायत समिति सदस्य समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे.

नौकनिया का क्या रहा माहौल

यहां आपको बता दें कि नौकनिया पारसनाथ की तलहटी में बसा है. यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जोन रहा है. यहां वर्ष 2012-13 में नक्सलियों ने स्कूल भवन को उड़ा दिया था. जबकि वर्ष 2014 में फेलो के एक छात्र समेत चार कर्मचारियों को अगवा कर यहां रखा गया था. हालांकि अब यहां की स्थिति बदल गई है. यहां सड़क बन गई है. उस स्कूल का भवन भी बन गया है. इस घटना के करीब 11 साल बाद प्रशासन यहां पहुंचा है. कहा जा सकता है कि पहली बार डीसी और एसपी एक साथ इस गांव में पहुंचे. मुखिया रामसागर किस्कू ने कहा कि पहली बार एक साथ वरीय पदाधिकारी यहां पहुंचे हैं.

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Last Updated : Jan 4, 2025, 7:48 PM IST
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