कोटा: दिवाली के पहले 'शुद्ध आहार मिलावट पर वार' अभियान चलाया हुआ है. इसके तहत लगातार सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक 8 घंटे कार्रवाई करते हुए मावे और दूध के 24 नमूने लिए गए हैं. मावा और दूध मध्य प्रदेश और प्रदेश के कई इलाकों से कोटा में आया था और अलग-अलग व्यापारियों ने इन्हें मंगवाया था. फूड सेफ्टी ऑफिसर संदीप अग्रवाल, चंद्रवीर सिंह जादौन और नितेश गौतम की ओर से की इस कार्रवाई में करीब 1775 किलो मावा और 1000 लीटर दूध की जांच की गई.
चौमहला और नीमच से आया था कोटा: नितेश गौतम का कहना है कि ट्रेन के जरिए रतलाम और चौमहला की तरफ से कोटा में माल आता है. जिसे पिकअप के जरिए दुकानों के आसपास लाया जाता है. इसके अलावा पिकअप के जरिए रावतभाटा और नीमच से भी कोटा में मावा और दूध आया था. ऐसे में दोनों से नमूने लिए हैं. यह 21 व्यापारियों का माल था, जिनमें से 23 मावे और एक दूध का नमूना लिया.
दिल्ली से आने वाले मावे पर भी नजर: नितेश गौतम का कहना है कि दिल्ली से आने वाली बसों की भी जांच कर रहे हैं, लेकिन मावा उनमें नहीं मिल रहा है. संभवत या तो आना बंद हो गया है, या फिर रूट बदल लिया है. क्योंकि बीते साल चुनाव आचार संहिता के तहत बूंदी जिले के हिंडोली में नाका बना हुआ था. जहां पर कोटा आने वाला मावा बड़ी संख्या में पकड़ में आया था. इसके अलावा कोटा में भी कार्रवाई करते हुए इस तरह से बसों में आने वाले मावे को पकड़ा था. अभी हमने लगातार तीन से चार दिन सुबह बसों को जाकर भी चेक किया है, लेकिन माल नहीं आ रहा है.