वाराणसी : महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय हजारों फूलों की खुशबू से महक उठा. जयंती पर बीएचयू में 3 दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इसमें लगभग 8000 प्रकार के फूलों व सब्जियों को प्रदर्शित किया गया है. खास बात यह है कि इस बार की पुष्प प्रदर्शनी को कुंभ व बाबा विश्वनाथ को समर्पित किया गया है. इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग बीएचयू पहुंच रहे हैं.
बता दें कि बीएचयू में हर वर्ष महामना की जयंती के अवसर पर 3 दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है. इसमें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से किसान व अन्य लोग आकर भाग लेते हैं. इस बार भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया है. इस बार की प्रदर्शनी में मुख्य रूप से गुलदावदी के गमले एवं फूलों के संग्रह, कोलियस, विभिन्न प्रकार के शोभाकारी पौधे एवं रंगीन पत्तियों के समूह लगाए गए हैं.
इसमें गुलदावदी के कटे फूल, गुलाब के कटे फूल लीलीयम, जरबेरा, कारनेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड ऑफ पैराडाइज, गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के गमले, रिफ़्लेक्सड, इनकर्वड, इनकर्विंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनीमोन प्रदर्शित किए गए हैं. विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियां, कलात्मक पुष्प सज्जा, मंडप, विश्वविद्यालय मुख्या द्वार का प्रारूप, पुष्पों से सुसज्जित शिवलिंग तथा रंगोली, सुकर्तन कला (टोपियरी) बोनसाई और हरी पत्तियों के संग्रह, मालवीय पर आधारित वास्तुकला के नमूने, मानव, पक्षी एवं जल प्रपात आदि मुख्य रूप से आकर्षण के केंद्र रहे.
महाकुंभ थीम लोगों के आकर्षण का केंद्र : प्रदर्शनी के बारे में वरिष्ठ उद्यान अधिकारी अश्विनी देशवाल ने बताया कि इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषता ऑर्गेनिक रूप से गमलों में उगाई गई सब्जियां, औषधीय पौधे व मसाले है. इसके अलावा महाकुंभ 2025 को देखते हुए विद्या की राजधानी में ज्ञान, ध्यान, अध्यात्म द्वारा जनमानस को प्रभावित करने का सरल प्रयास उद्यान विशेषज्ञ इकाई द्वारा किया गया. जिसमें फूलों द्वारा सुसज्जित बाबा विश्वनाथ शिवलिंग, प्राकृतिक मालवीय उद्यान, बोतल गार्डेन आकर्षण के मुख्य केन्द्र बिन्दु रहें.
भारी उत्साह को देखते हुए जन साधारण की गणना के लिए इत्र से सुगंधित स्वागत कार्ड सभी आगंतुकों का वितरित किया गया, जिसमें केवल 2 घंटे के दौरान दस हजार नौ सौ लोगों के द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में कुल 786 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो कि विभिन्न समूहों में लगभग 7452 प्रदर्शों को प्रदर्शित किया गया है.
इन जनपदों के लोगों ने लिया भाग : प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के अन्य विभाग, छात्रावास, उद्यानों के साथ-साथ वाराणसी जनपद के विभिन्न संस्थाएं, 39 जीटीसी. छावनी परिषद, उप-निदेशक उद्यान वाराणसी, जिला उद्यान अधिकारी वाराणसी, आजमगढ़, गाज़ीपुर, जौनपुर, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर (भदोही), चंदौली एवं मऊ, बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी, केंद्रीय कारगार, वाराणसी, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी, जिला कारागार, वाराणसी, धीरेन्द्र कन्या महाविद्यालय, विन्ध्य गुरुकुल कॉलेज, मिर्जापुर, स्थानीय नर्सरी, होटल तथा नागरिकों द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भाग लिया गया.
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