सहरसाः बिहार में कोसी एक फिर तबाही मचाने के लिए तैयार है. नदी में कटाव तेज होने से कई गांवों पर खतरा मंडरा रहा है. सहरसा में बाढ़ की स्थिति है. सड़क पर पानी का दबाब बढ़ गया है, जिससे सड़क कभी भी टूट सकती है. सड़क टूटने से कई गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो सकता है. ग्रामीण को पानी का कटाव देख बाढ़ का डर सताने लगा है.
50 गांव हो जाएगा प्रभावितः जिले के ब्रिजेन, रसलपुर, गढ़िया में पानी का दबाव बढ़ गया है. कटाव तेज होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन लोगों का हाल लेने नहीं आया है. ग्रामीणों ने इसको लेकर विरोध भी जताया. ग्रामीण राजकुमार यादव ने बताया की सड़क टूटने से तकरीबन 50 गांव प्रभावित हो जाएगा. गांव में एक ही रोड है. इसी रोड से लोग सहरसा, मधेपुरा सहित कई जिला जाते हैं.
तेज धार में कट रही सड़कः स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण सड़क कट रही है. अब तक पदाधिकारी या कोई बड़ा अफसर नहीं आया है. लोगों ने कहा कि उनलोगों को काफी दिक्कत हो रही है. राजकुमार यादव ने कहा कि हम मांग करते हैं जिला प्रशासन से जल्द से जल्द इस सड़क को बचा ले. इससे लोगों को आवागमन की सुविधा बरकरार रहेगी.
"अभी तक कोई एमपी एमएलए नहीं आया है. पानी के तेज बहाव होने कारण सड़क पर खतरा है. गांव में एक ही सड़क है, अगर यह कट गयी तो 50 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो जाएगा." -राजकुमार यादव, स्थानीय
4 दिनों से बाढ़ की स्थितिः दूसरे ग्रामीण महिला श्रुति देवी की मानें तो सड़क कट रही. घर द्वार सब नदी के पानी में बह रहा है. कोई पुलिस प्रशासन देखने नहीं आ रहा है. श्रुति देवी ने बताया कि रसलपुर के पास सड़क कट रही है. अनिता देवी ने कहा कि खड़ा होने के लिए जगह नहीं है. 4 दिनों से यह स्थिति है. आज तक कोई नहीं आया है.
हार साल तबाही मचाती है कोसीः बता दें कि कोसी नदी नेपाल से निकलने के बाद बिहार होते हुए झारखंड के राजमहल में गंगा नदी में मिलती है. बिहार के सुपौल, पूर्णिया और कटिहार होकर बहती है. जब-जब कोसी नदी में पानी बढ़ता है तब-तब आसपास के जिलों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है. इसमें सहरसा और खगड़िया भी शामिल है. इन जिलों में कोसी का असर देखने को मिलता है और नदी के पानी से हर साल गांव डूबता है.
ऊंचे जगहों पर शरण ले रहे लोगः बता दें कि कोसी नदी में जलस्तर बढ़ रहा है. सोमवार एक सितंबर एक बजे दोपहर तक नदी का जलस्तर 1,34,630 क्यूसेक पानी डिस्चार्च किया गया. नदी में कटाव तेज हो रहा है. आसपास के लोग अपना सामान समेटकर ऊंचे जगह पर जा रहे हैं. स्थानीय प्रशासन से राहत सामग्री की मांग की है.
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