पटना : बिहार में गंगा अपने रौद्र रूप में है. गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण राजधानी पटना के तटीय इलाकों में पानी फैल गया है. पटना के दियारा इलाके एवं गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोग भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. पटना से सटे गंगा के दियारा इलाकों के लगभग 30 पंचायत के लोग प्रभावित हैं.
पटना सिटी के निचले इलाकों में पानी : पटना गायघाट से लेकर कंगन घाट तक जाने वाले रास्ते पर गंगा का पानी चढ़ गया है. गायघाट, भद्रघाट, कंगन घाट और उससे आगे भी मुख्य मार्ग को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है, ताकि किसी तरीके की कोई घटना ना घटे. भद्र घाट एवं कंगन घाट के मुख्य सड़क पर लगभग तीन से चार फीट पानी सड़क पर बह रहा है.
कौन-कौन जिले हैं प्रभावित ? : सितंबर के महीने में अचानक गंगा नदी ऊफान पर है. गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से बिहार के 11 जिले के 260 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. बक्सर, आरा, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया के कुछ इलाके, बाढ़ एवं मोकामा का इलाका बाढ़ की चपेट में है. गंगा से सटे हुए निचले इलाकों में बाढ़ के पानी चले जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
कितने लोग हैं प्रभावित ? : गंगा एवं उनकी सहायक नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि से बिहार के 11 जिले के 260 पंचायत बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं. लगभग 5 लाख 50 हजार परिवार बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ के कारण अभी तक पांच लोगों की मौत की खबर सामने आई है. जिसमें आरा से एक और सारण में 4 लोगों की मौत हो चुकी है.
बचाव कार्य तेज करने का आदेश : बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल एरियल सर्वे किया था. आज जमीनी हकीकत को जाना. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग को और बाढ़ प्रभावित जिले के जिलाधिकारी को आदेश दिया कि लोगों की समस्या को देखते हुए तत्काल रिलीफ कैंप चलाया जाए. लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था प्रशासन के तरफ से किया जाए रहने के लिए सेड बनाया जाय एवं पॉलीथिन शीट का वितरण किया जाए. जानवरों के लिए ऊंचे जगह पर रखने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए एवं पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया.
गंगा के जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर : गंगा का जलस्तर राजधानी पटना में खतरे के निशान से ऊपर चला गया है. पटना के जेपी सेतु घाट, गांधी घाट में आज गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 168 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि से गंगा के आसपास रहने वाले लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. वैसे कल से तुलना की जाए तो आज गंगा के जलस्तर में लगभग 4 सेंटीमीटर की कमी आई है.
दियारा के लोगों की परेशानी : दीघा और आसपास के अलावे दियारा के 35 पंचायत में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है. लोगों की परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. दियारा के इलाकों में आवागमन का एकमात्र सहारा नाव है, लेकिन गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण जिला प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए नाव के परिचालन पर पूरी तरीके से रोक लगा दिया है.
मनेर, दानापुर, दीघा घाट, जेपी सेतु, पहलवान घाट से लेकर पटना सिटी के इलाकों के लोग बुरी तरीके से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. गंगा से सटे इलाकों के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यही कारण है कि यह लोग अपने घर बार को छोड़कर सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं.
प्रशासन की तरफ से प्रबंध : पटना जिला में बाढ़ प्रभावित लोगों की बात की जाए तो तकरीबन एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. राजधानी पटना में बार प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा जगह-जगह अस्थाई रैन बसेरा, कम्युनिटी किचन एवं मेडिकल की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. पटना के जेपी गंगा पथ पर जिला प्रशासन द्वारा कम्युनिटी किचन एवं मेडिकल को लेकर कैंप लगाया गया है. इसके अलावा रहने के लिए अस्थाई रैन बसेरा की भी व्यवस्था की गयी है.
''गंगा के अगल-बगल के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन के द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है. जिन लोगों की घरों में पानी चला गया है, उनके लिए प्रशासन के द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. तकरीबन 1000 लोगों के खाने की व्यवस्था यहां प्रतिदिन हो रही है. यदि लोगों की संख्या बढ़ती है तो खाने पीने की व्यवस्था और बढ़ा दी जाएगी. गंगा के जलस्तर में हल्की कमी देखी गई है. उम्मीद है कि तीन से चार दिनों में स्थिति में कुछ सुधार होगा.''- रजनीकांत, अंचलाधिकारी, पटना सदर
'लोग घर छोड़ने को मजबूर' : पटना से सेट बस्ती के रहने वाले विद्या महतो का कहना है कि उनके गांव में पानी आ गया है. घर बार छोड़ के पूरे परिवार के साथ सड़क पर रहने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन के द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. जब तक गंगा के जलस्तर में कमी नहीं आती है, तब तक वह अपने गांव नहीं जा सकते हैं.
''दियारा के 30 पंचायत के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. नाव नहीं चल रहा है, जिस कारण घर से आना-जाना बंद हो गया है. जिला प्रशासन के द्वारा कुछ सहायता के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन लोगों की जितनी परेशानी है उस हिसाब से पूरी व्यवस्था नहीं की गयी है.''- धर्मवीर, नकटा दियारा के रहने वाले
ये भी पढ़ें :-
गुस्से में मां गंगा, बक्सर में किनारों को तोड़कर कई गांवों को अपने आगोश में लिया - bihar flood
मुंगेर में गंगा के रौद्र रूप ने मचाई तबाही, 20 से 25 हजार लोग प्रभावित - Flood In Munger