रायबरेली: रायबरेली में रंगदारों का ऐसा गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ा है. जिसने रंगदारी वसूलने के लिए तीन चोरों को हायर किया था. आउटसोर्स किये गए तीनों चोर अपनी आदत के अनुसार चोरियों को अंजाम देने लगे. जिसकी वजह से गिरोह का पर्दाफाश हो गया और पुलिस की गिरफ्त में आ गए.
एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस चोरी कि घटनाओं को वर्क आउट कर रही थी. इसी दौरान एक गैंग हत्थे चढ़ा, जिसकी प्लानिंग अरबों रुपये की जमीन हथियाने की थी. गुरबक्शगंज थाना इलाके के रजवापुर गांव में सूरज यादव नाम के एक युवक को चोरी के शक में पकड़ा गया गया था. ग्रामीणों ने इसे पकड़ कर पुलिस के हवाले किया और उससे पूछताछ हुई तो मामला अरबों रुपये की जमीन को लेकर रंगदारी से जुड़ा पाया गया.
एडिशनल एसपी ने बताया कि रायबरेली के रहने वाले नीरज पाण्डेय और सूरज यादव को कहीं से मालूम हुआ था कि लखनऊ में यश इंफ़्राबिल्ट के मालिक मित्तल दंपत्ति की मौत के बाद उनकी लखनऊ स्थित अरबों रुपये की संपत्ति का अथराइज्ड सिग्नेटरी उनका ड्राइवर नंदकिशोर कश्यप है. सूरज यादव, नीरज पाण्डेय और प्रथमेश ने उन्नाव के शातिर चोर शिवम और हंसराज अपने गैंग में शामिल कर नन्दकिशोर को किडनैप कर लिया. पांचों ने नन्दकिशोर को दस लाख का चेक देकर और अठारह बीघे कम्पनी की ज़मीन बैनामा करने का दबाव बनाया. नंदकिशोर को किडनैप करके डील हो रही थी.
इधर, आदतन चोर होने के कारण दो जगह चोरी करने में लग गए. गुरबक्शगंज पुलिस इन्ही चोरी को वर्कआउट कर रही थी तभी दोनों चोर समेत चार बदमाश गिरफ्तार हो गए. रंगदारी गैंग के मुखिया नीरज पाण्डेय की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी का सामान समेत कई अवैध असलहे बरामद किया है.
एसपी ने बताया कि ने बताया कि गुरबक्श गंज पुलिस ने सघन वाहन चेकिंग के दौरान 4 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इन चार आरोपियों को पुलिस ने अवैध वसूली, चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की जुर्म में पकड़ा है. आरोपियों के पास सोने,चांदी के आभूषण, कार बरामद हुई है. इन आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने पहले तीन गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उनके उनके साथी सूरज यादव और नीरज पांडे के द्वारा तीन अन्य चोरों को बुलाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. इनके ऊपर पहले से भी चोरी व लूट की घटनाओं को अंजाम देने के मुकदमे दर्ज हैं. अपर पुलिस अधीक्षक के द्वारा खुलासा करने वाली टीम को 10 हजार रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया गया है.