हजारीबागः जिला व्यवहार न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले 155 पारा लीगल वालंटियर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरूआत हुई है. प्रशिक्षण लेने के बाद यह वालंटियर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवा देंगे. वैसे व्यक्ति जो न्याय के लिए कोर्ट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं उन्हें कोर्ट तक पहुंचाने का काम करेंगे.
समाज के अंतिम पायदान तक निःशुल्क और सुलभ न्यायिक सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने पारा लीगल वालंटियर का चयन किया. इनका चयन साक्षात्कार प्रक्रिया के बाद पूरी की गयी है. चयनित 155 पारा लीगल वालंटियर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू हुआ. प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश सत्य प्रकाश सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर इस ट्रेनिंग की शुरुआत की. इस कार्यक्रम में उनके साथ कुटुंब न्यायाधीश मार्तण्ड प्रताप मिश्रा और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ओंकार नाथ चौधरी भी मौजूद रहे. यहां उपस्थित पारा लीगल वालंटियर्स का उत्साह बढ़ाते हुए प्रधान जिला जज ने कहा कि अब वे भी सिविल कोर्ट के एक अंग हो गए हैं. उन सभी के उम्मीदों और विश्वास पर खरा उतरना है.
इस मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम ओंकार नाथ चौधरी ने कहा कि उनके चयन का मुख्य उद्देश्य कमजोर वह असहाय लोगों तक सुविधाजनक और निशुल्क न्याय पहुंचना है. प्रारंभिक स्तर पर पारा लीगल वालंटियर्स को कानूनी जानकारी रखते हुए एक मध्यस्थ के तरीके से काम करना है. वहीं कुटुंब न्यायाधीश मार्तंड प्रताप मिश्रा ने कहा कि सभी पारा लीगल वालंटियर्स को ऊर्जावान तरीके से अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करना है और लोगों की मदद करना है.
इस कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना ने किया. इस मौके पर सभी न्यायिक पदाधिकारी सभी चयनित 155 पारा लीगल वालंटियर और सिविल कोर्ट कर्मी मौजूद रहे. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन 155 पारा लीगल वालंटियर्स को न्यायिक पदाधिकारी गौरव खुराना और सिविल कोर्ट निबंध दिव्यम चौधरी ने भी कई टिप्स दिए.
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