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लिफ्ट देने के बहाने सवारी को बैठाकर लूट करने वाली गैंग के पांच आरोपी गिरफ्तार - Five accused arrested

जयपुर की सांगानेर सदर थाना पुलिस ने लिफ्ट देने के बहाने सवारी को बैठाकर लूट करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने लूट के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पांच आरोपी गिरफ्तार
पांच आरोपी गिरफ्तार (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 8:40 AM IST

जयपुर. राजधानी की सांगानेर सदर थाना पुलिस ने लिफ्ट देने के बहाने सवारी को बैठाकर लूट करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने लूट के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी नाहर सिंह उर्फ नाहरु, राजकुमार मीणा, कुलदीप महर, गौरव कुमार मीणा और पिंटू मीणा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सभी आरोपी लूट और डकैती करने की आदतन अपराधी है. अपनी पहचान छुपाने के लिए लूट की राशि को ई मित्र पर ट्रांसफर करवाया था.

डीसीपी साउथ दिगंत आनंद के मुताबिक पीड़ित शुभम शर्मा ने सांगानेर सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि सीतापुरा रीको एरिया जयपुर में जॉब करता है. 9 मई को निवाई जाने के लिए 12 मील चौराहे पर खड़ा था. जहां पर एक कार आकर रुकी, जिसमें दो लोग सवार थे. जिन्होंने निवाई तक लिफ्ट देने के लिए कहा. इसके बाद पीड़ित उनकी कार में बैठ गया. शिवदासपुरा टोल की स्लिप लाइन से आगे कार में तीन लोग और आकर बैठ गए. सभी लोगों ने मिलकर पीड़ित की आंखों पर पट्टी बांध दी और जबरदस्ती मारपीट करके आगे ले गए. आगे कौथुन पुलिया के पास आंखों से पट्टी खोलकर डरा धमका कर 50000 रुपये एक नंबर पर ट्रांसफर करवा लिए और मोबाइल ले लिया. पीड़ित के गले में पहनी हुई चांदी की चेन और पर्स में रखे नगद रुपए भी निकाल लिए. पीड़ित के साथ मारपीट करके लालसोट इलाके में फेंक कर फरार हो गए.

पढ़ें: फर्जी पुलिस अफसर बनकर ठगी करने वाली ईरानी गैंग का पर्दाफाश, 4 बदमाश गिरफ्तार

पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की. मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल डीसीपी साउथ पारसमल जैन और एसीपी चाकसू सुरेंद्र सिंह के निर्देशन में सांगानेर सदर थाना अधिकारी पूनम चौधरी के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया गया. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों का पता लगाने का प्रयास किया गया. इसके साथ ही पीड़ित के खाते से ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड भी लिया गया. जिसमें एक ई मित्र संचालक का रिकॉर्ड पाया गया. उस ई मित्र संचालक से आरोपियों ने नगद रुपए ले लिए थे और अपनी पहचान छुपाने के लिए ऐसा किया था. वारदात करने वाले आरोपियों की पहचान करने के लिए तकनीकी सूचनाएं प्राप्त की गई.

जयपुर. राजधानी की सांगानेर सदर थाना पुलिस ने लिफ्ट देने के बहाने सवारी को बैठाकर लूट करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने लूट के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी नाहर सिंह उर्फ नाहरु, राजकुमार मीणा, कुलदीप महर, गौरव कुमार मीणा और पिंटू मीणा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सभी आरोपी लूट और डकैती करने की आदतन अपराधी है. अपनी पहचान छुपाने के लिए लूट की राशि को ई मित्र पर ट्रांसफर करवाया था.

डीसीपी साउथ दिगंत आनंद के मुताबिक पीड़ित शुभम शर्मा ने सांगानेर सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि सीतापुरा रीको एरिया जयपुर में जॉब करता है. 9 मई को निवाई जाने के लिए 12 मील चौराहे पर खड़ा था. जहां पर एक कार आकर रुकी, जिसमें दो लोग सवार थे. जिन्होंने निवाई तक लिफ्ट देने के लिए कहा. इसके बाद पीड़ित उनकी कार में बैठ गया. शिवदासपुरा टोल की स्लिप लाइन से आगे कार में तीन लोग और आकर बैठ गए. सभी लोगों ने मिलकर पीड़ित की आंखों पर पट्टी बांध दी और जबरदस्ती मारपीट करके आगे ले गए. आगे कौथुन पुलिया के पास आंखों से पट्टी खोलकर डरा धमका कर 50000 रुपये एक नंबर पर ट्रांसफर करवा लिए और मोबाइल ले लिया. पीड़ित के गले में पहनी हुई चांदी की चेन और पर्स में रखे नगद रुपए भी निकाल लिए. पीड़ित के साथ मारपीट करके लालसोट इलाके में फेंक कर फरार हो गए.

पढ़ें: फर्जी पुलिस अफसर बनकर ठगी करने वाली ईरानी गैंग का पर्दाफाश, 4 बदमाश गिरफ्तार

पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की. मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल डीसीपी साउथ पारसमल जैन और एसीपी चाकसू सुरेंद्र सिंह के निर्देशन में सांगानेर सदर थाना अधिकारी पूनम चौधरी के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया गया. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों का पता लगाने का प्रयास किया गया. इसके साथ ही पीड़ित के खाते से ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड भी लिया गया. जिसमें एक ई मित्र संचालक का रिकॉर्ड पाया गया. उस ई मित्र संचालक से आरोपियों ने नगद रुपए ले लिए थे और अपनी पहचान छुपाने के लिए ऐसा किया था. वारदात करने वाले आरोपियों की पहचान करने के लिए तकनीकी सूचनाएं प्राप्त की गई.

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