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महिला की हत्या के आरोप में 5 लोगों को उम्रकैद, घर में बंदकर की थी मां-बाप और बेटी-दामाद की पिटाई - Kaimur Court

Woman Murder In Kaimur: बिहार के कैमूर में हत्या मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पूरे 2 साल 9 महीने के बाद कोर्ट ने 5 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. आरोपियों ने मां-पिता, बेटी-दामाद को घर में बंदकर बेरहमी से मारपीट की थी. पढ़ें पूरी खबर.

कैमूर में हत्या के दोषी को उम्र कैद
कैमूर में हत्या के दोषी को उम्र कैद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 1, 2024, 11:04 AM IST

कैमूरः बिहार के कैमूर कोर्ट ने पूरे दो साल बाद एक हत्या मामले में सजा सुनाई. एडीजे प्रथम कैमूर अजीत कुमार मिश्रा की अदालत ने 5 अभियुक्तों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोषियों की पहचान ललिता सिंह, राजेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बबलू सिंह, चुन्नू सिंह के रूप में हुई है. प्रत्येक को 50-50 हजार रुपए आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

16 जुलाई 2022 का मामलाः दरअसल, मामला 16 जुलाई 2022 का है. राजेंद्र सिंह, ललित सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बबलू सिंह, चुन्नू सिंह सभी मिलकर महेंद्र सिंह पिता स्वर्गीय विक्रम सिंह के घर में जबरन घुस गए थे. घर का दरबाजा बंद कर महेंद्र सिंह, उसकी पत्नी शांति देवी, बेटी पुष्पा देवी और दामाद गंगा सिंह को बंधक बनाकर मारपीट की थी. लाठी डंडे से जमकर पीटा गया था.

महिला की हो गयी थी मौतः हल्ला होने पर गांव के लोग जमा हुए तो सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे. सूचना मिलने के बाद अधौरा थाना की पुलिस ने चारों लोगों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करायी थी. महिला शांति देवी की स्थिति गंभीर होने के कारण सदर अस्पताल रेफर कर दिया था लेकिन उक्त महिला की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.

महिला का पति ने दर्ज कराया था केसः महेंद्र सिंह के अनुसार एक दिन पहले उसके चारों भाई में बंटवारा हुआ था. चारों भाई सहमत थे लेकिन 16 जुलाई को शाम 6 बजे इस घटना को अंजाम दिया गया था. महिला की मौत के बाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही थी.

पटना हाईकोर्ट का था आदेशः इस मामले में 20 जुलाई 2023 को पटना उच्च न्यायालय आदेश दिया था कि 9 महीने के अंदर में इस केस का निष्पादन करें इस केस में दो बरस दो महीना 16 दिन में फैसला आया है. सरकार की तरफ से अपार लोक अभियोजक वीरेंद्र प्रसाद सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता घनश्याम कुमार ने अपना पक्ष रखा.

30 सितंबर को फैसलाः पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इस केस में 11 लोगों की गवाही हुई है. 10 जुलाई 2024 को अभियुक्त का बयान हुआ था. दिनांक 28 सितंबर 2024 को माननीय न्यायालय एडीजे प्रथम अजीत कुमार मिश्रा की अदालत में पांच अभीयुक्तों को दोषी पाया था. 30 सितंबर 2024 को कोर्ट ने कैमूर सिविल कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाया.

यह भी पढ़ेंः कैमूर में घर से बाहर बुलाकर युवक की चाकू मारकर हत्या, शक के आधार पर 2 गिरफ्तार

महिला की हत्या के आरोप में 5 लोगों को उम्रकैद, घर में बंदकर की थी मां-बाप और बेटी-दामाद की पिटाई

कैमूरः बिहार के कैमूर कोर्ट ने पूरे दो साल बाद एक हत्या मामले में सजा सुनाई. एडीजे प्रथम कैमूर अजीत कुमार मिश्रा की अदालत ने 5 अभियुक्तों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोषियों की पहचान ललिता सिंह, राजेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बबलू सिंह, चुन्नू सिंह के रूप में हुई है. प्रत्येक को 50-50 हजार रुपए आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

16 जुलाई 2022 का मामलाः दरअसल, मामला 16 जुलाई 2022 का है. राजेंद्र सिंह, ललित सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बबलू सिंह, चुन्नू सिंह सभी मिलकर महेंद्र सिंह पिता स्वर्गीय विक्रम सिंह के घर में जबरन घुस गए थे. घर का दरबाजा बंद कर महेंद्र सिंह, उसकी पत्नी शांति देवी, बेटी पुष्पा देवी और दामाद गंगा सिंह को बंधक बनाकर मारपीट की थी. लाठी डंडे से जमकर पीटा गया था.

महिला की हो गयी थी मौतः हल्ला होने पर गांव के लोग जमा हुए तो सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे. सूचना मिलने के बाद अधौरा थाना की पुलिस ने चारों लोगों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करायी थी. महिला शांति देवी की स्थिति गंभीर होने के कारण सदर अस्पताल रेफर कर दिया था लेकिन उक्त महिला की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.

महिला का पति ने दर्ज कराया था केसः महेंद्र सिंह के अनुसार एक दिन पहले उसके चारों भाई में बंटवारा हुआ था. चारों भाई सहमत थे लेकिन 16 जुलाई को शाम 6 बजे इस घटना को अंजाम दिया गया था. महिला की मौत के बाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही थी.

पटना हाईकोर्ट का था आदेशः इस मामले में 20 जुलाई 2023 को पटना उच्च न्यायालय आदेश दिया था कि 9 महीने के अंदर में इस केस का निष्पादन करें इस केस में दो बरस दो महीना 16 दिन में फैसला आया है. सरकार की तरफ से अपार लोक अभियोजक वीरेंद्र प्रसाद सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता घनश्याम कुमार ने अपना पक्ष रखा.

30 सितंबर को फैसलाः पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इस केस में 11 लोगों की गवाही हुई है. 10 जुलाई 2024 को अभियुक्त का बयान हुआ था. दिनांक 28 सितंबर 2024 को माननीय न्यायालय एडीजे प्रथम अजीत कुमार मिश्रा की अदालत में पांच अभीयुक्तों को दोषी पाया था. 30 सितंबर 2024 को कोर्ट ने कैमूर सिविल कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाया.

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