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SMS अस्पताल में हुआ पहला एरोटिक आर्च रिप्लेसमेंट, चिकित्सकों ने किया ये बड़ा दावा - Aortic arch replacement in SMS

जोधपुर की एक महिला के महाधमनी में विच्छेदन था, जिसका ऑपरेशन बहुत दुर्लभ था. सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने इस रेयर ऑपरेशन को अंजाम दिया है. अस्पताल के कार्डियोथोरैसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग में यह सफल ऑपरेशन किया गया.

AORTIC ARCH REPLACEMENT IN SMS
SMS अस्पताल में दुर्लभ ऑपरेशन (FILE PHOTO)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 24, 2024, 11:37 AM IST

जयपुर. जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल में चिकित्सकों ने एक दुर्लभ ऑपरेशन को अंजाम दिया है. मरीज की महाधमनी में विच्छेदन हो गया था, जिसकी सर्जरी लगभग असंभव थी. ऐसे में मरीज के गरीब होने के कारण चिकित्सकों ने खुद यह बीड़ा उठाया और इस कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया.

दरअसल फलौदी जिले की 52 वर्षीय महिला के सीने और कमर में 20 दिन पहले अचानक दर्द उठा था. चिकित्सकों का कहना है कि इस दर्द के बाद मरीज की महाधमनी में विच्छेदन हो गया था. महिला को तुरंत इलाज के लिए जोधपुर एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने महिला में होने वाली सर्जरी को असंभव बताया और दिल्ली रेफर करने की बात कही, जिसके बाद मरीज के परिजन मरीज को सवाई मानसिंह अस्पताल लेकर पहुंचे और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक और पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार यादव से मिले.

अस्पताल के चिकित्सकों ने इस ऑपरेशन को काफी रेयर बताया और ऑपरेशन के दौरान जान जाने की पूरी संभावना भी मरीज के परिजनों को बताई गई. लेकिन इसके बाद चिकित्सकों ने मरीज के परिजनों की सहमति के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम देने का फैसला लिया और अस्पताल के कार्डियोथोरैसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

10 युनिट ब्लड, 12 घंटे चला ऑपरेशन : मामले को लेकर डॉक्टर राजकुमार यादव ने बताया कि मैंने भी मरीज को दिल्ली जाने की सलाह दी, लेकिन मरीज गरीब था और उसे मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना में ही इलाज कराना था. मरीज का परिवार स्वयं के पैसे से इलाज कराने में असमर्थता जता रहा था, जिसके बाद बांगड़ स्थित कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग में ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और यह ऑपरेशन 12 घंटे तक चला. ऑपरेशन में कुल 10 यूनिट ब्लड लगा. मरीज का ऑपरेशन परफ्यूजन डबल कैनुलेशन के द्वारा किया गया.

इसे भी पढ़ें : जिंदगी मिली दोबारा ! दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चे हृदयांश को लगा दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन - Injection of 17 Crore Saved Baby

उन्होंने बताया कि मरीज के दिमाग का परफ्यूजन NIRS से मॉनिटर किया गया, जिसके बाद यह ऑपरेशन सफल रहा. यह राजस्थान के इतिहास में पहला प्रकरण रहा जिसमें ऑपरेशन सफल रहा हो. मरीज अभी बागड़ स्थित कार्डियक सर्जरी आईसीयू की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती है. अस्पताल के वरीष्ठ आचार्य और पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार यादव, डॉक्टर रीमा, डॉक्टर अंजुम, डॉक्टर राजेश शर्मा, डॉक्टर मौलिक शर्मा, डॉक्टर संदीप, डॉक्टर गजाला, पुलकित आचार्य (परफ्यूजनिस्ट), सुलोचना, पूजा, डॉक्टर नवदीप, डॉक्टर जसकरण, डॉक्टर चित्रा, डॉक्टर रागिनी, डॉक्टर सुहानी, डॉक्टर प्रीतांशी, राकेश, कादीर ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है.

जयपुर. जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल में चिकित्सकों ने एक दुर्लभ ऑपरेशन को अंजाम दिया है. मरीज की महाधमनी में विच्छेदन हो गया था, जिसकी सर्जरी लगभग असंभव थी. ऐसे में मरीज के गरीब होने के कारण चिकित्सकों ने खुद यह बीड़ा उठाया और इस कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया.

दरअसल फलौदी जिले की 52 वर्षीय महिला के सीने और कमर में 20 दिन पहले अचानक दर्द उठा था. चिकित्सकों का कहना है कि इस दर्द के बाद मरीज की महाधमनी में विच्छेदन हो गया था. महिला को तुरंत इलाज के लिए जोधपुर एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने महिला में होने वाली सर्जरी को असंभव बताया और दिल्ली रेफर करने की बात कही, जिसके बाद मरीज के परिजन मरीज को सवाई मानसिंह अस्पताल लेकर पहुंचे और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक और पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार यादव से मिले.

अस्पताल के चिकित्सकों ने इस ऑपरेशन को काफी रेयर बताया और ऑपरेशन के दौरान जान जाने की पूरी संभावना भी मरीज के परिजनों को बताई गई. लेकिन इसके बाद चिकित्सकों ने मरीज के परिजनों की सहमति के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम देने का फैसला लिया और अस्पताल के कार्डियोथोरैसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

10 युनिट ब्लड, 12 घंटे चला ऑपरेशन : मामले को लेकर डॉक्टर राजकुमार यादव ने बताया कि मैंने भी मरीज को दिल्ली जाने की सलाह दी, लेकिन मरीज गरीब था और उसे मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना में ही इलाज कराना था. मरीज का परिवार स्वयं के पैसे से इलाज कराने में असमर्थता जता रहा था, जिसके बाद बांगड़ स्थित कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग में ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और यह ऑपरेशन 12 घंटे तक चला. ऑपरेशन में कुल 10 यूनिट ब्लड लगा. मरीज का ऑपरेशन परफ्यूजन डबल कैनुलेशन के द्वारा किया गया.

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उन्होंने बताया कि मरीज के दिमाग का परफ्यूजन NIRS से मॉनिटर किया गया, जिसके बाद यह ऑपरेशन सफल रहा. यह राजस्थान के इतिहास में पहला प्रकरण रहा जिसमें ऑपरेशन सफल रहा हो. मरीज अभी बागड़ स्थित कार्डियक सर्जरी आईसीयू की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती है. अस्पताल के वरीष्ठ आचार्य और पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार यादव, डॉक्टर रीमा, डॉक्टर अंजुम, डॉक्टर राजेश शर्मा, डॉक्टर मौलिक शर्मा, डॉक्टर संदीप, डॉक्टर गजाला, पुलकित आचार्य (परफ्यूजनिस्ट), सुलोचना, पूजा, डॉक्टर नवदीप, डॉक्टर जसकरण, डॉक्टर चित्रा, डॉक्टर रागिनी, डॉक्टर सुहानी, डॉक्टर प्रीतांशी, राकेश, कादीर ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है.

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