उत्तरकाशी: जिले से बड़ी खबर आ रही है. उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के शीर्ष पर स्थित वरुणावत पर्वत की चोटी पर आग लगने की सूचना है. वरुणावत पर्वत के जंगल धू धू कर जलता दिखाई दे रहा है. भीषण गर्मी में आग का प्रकोप उत्तरकाशी के लिए बड़ी आफत साबित हो रहा है. पेड़ पौधों के जलने के साथ ही वरुणावत की तलहटी पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रताप पोखरियाल द्वारा बड़ी मेहनत से रोपित श्याम स्मृति वन पर भी आग का खतरा मंडरा रहा है.
वरुणावत पर्वत की चोटी के साथ ही गंगा व यमुना के जंगलों में भीषण आग लगने से स्थानीय लोगों सहित तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जंगल में लगी आग से उठते धुएं से शहर में भी धुंध छा गई. जिससे गर्मी बढ़ गई है. उत्तरकाशी वन प्रभाग में अब तक 44 वनाग्नि की घटनाओं में 31.63 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका है. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से उत्तरकाशी वन प्रभाग के बाड़ाहाट, मुखेम रेंज का जंगल लगा हुआ है. वन विभाग से मिले आंकड़ों पर नजर डाले तो इस वर्ष उत्तरकाशी वन प्रभाग की छह रेंजों में सर्वाधिक वनाग्नि की घटनाएं करीब 18 मुखेम रेंज के जंगल में हुई हैं.
मंगलवार रात से ही मुखेम रेंज में डांग, पोखरी गांव से ऊपर जंगलों में आग सुलग गई थी. रात के समय भी जंगल जलता रहा. बुधवार देर सांय तक यह आग विकराल हो गई, जो कि डांग, पोखरी गांव से ऊपरी जंगल से लेकर मनेरा के ऊपर तक फैल गई. उत्तरकाशी वन प्रभाग में मुखेम रेंज के बाद सबसे ज्यादा वनाग्नि की घटनाओं में धरासू रेंज 15 घटनाओं के साथ दूसरे और डुंडा रेंज करीब 6 घटनाओं के साथ तीसरे स्थान पर है. उत्तरकाशी वन प्रभाग में बुधवार तक वनाग्नि से कुल 31.63 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका है. उधर, यमुनोत्री हाईवे पर राड़ी टॉप से लगा जंगल भी आग की चपेट में आ गया है. मुखेम रेंज की वन क्षेत्राधिकारी पूजा चौहान ने बताया सिविल वन भूमि में आड़े जलाने से यह आग भड़क रही है.वन विभाग की दस सदस्यीय टीम सहित क्यूआरटी व फायरकर्मियों की मदद से छानियों को आग से बचाया गया.