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अग्निशमन विभाग की जांच में 12 सरकारी भवनों में मिलीं खामियां, लखनऊ की इन इमारतों में लोगों की जान से खिलवाड़ - Fire department investigation

राजधानी में वर्ष 2022 में होटल लेवाना में आग लगने की बड़ी घटना (GOVERNMENT BUILDINGS OF LUCKNOW) हुई थी. वहीं, बीते दिनों खनिज विभाग व राजकीय निर्माण निगम के कार्यालय में भीषण आग लग गई थी. इसके देखते हुए बीते माह राजधानी में सरकारी भवनों का निरीक्षण किया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 19, 2024, 4:57 PM IST

लखनऊ : राजधानी में बीते दिनों खनिज विभाग और राजकीय निर्माण निगम के कार्यालय में भीषण आग लग गई. गनीमत रही की आग में जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन यहां रखी महत्वपूर्ण फाइल जलकर राख हो गईं. जांच यूपी एसटीएफ कर रही है. आखिर आग कैसे लगी? ईटीवी भारत आपको बताएगा कि लखनऊ के कौन से सरकारी विभागों की बिल्डिंग खतरनाक हैं और आखिर कि बड़े सरकारी विभागों की बिल्डिंग में काम करने वाले और वहां आने-जाने वाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

यूपी की राजधानी में वर्ष 2022 को हुए होटल लेवाना अग्निकांड के बाद फायर डिपार्टमेंट हरकत में आया था और शहर के सभी हाई राइज बिल्डिंग, कमर्शियल इमारत, होटल और सरकारी भवनों का फायर विभाग ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान फायर विभाग ने सैकड़ों होटल और कमर्शियल इमारतों में फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी पाई. इसके अलावा अधिकांश बिल्डिंग या संस्थान प्रबंधन ने फायर एनओसी नहीं ले रखी थी. लेकिन, इसी निरीक्षण के दौरान फायर विभाग को राजधानी के एक दर्जन ऐसी सरकारी भवनों और कार्यालयों में फायर सेफ्टी से खिलवाड़ होता दिखा, जहां रोजाना सैकड़ों लोगों का आना जाना होता है. कई तो ऐसी इमारते हैं जहां विधायक, आईएएस, आईपीएस अफसर और मंत्री तक के आवास और कार्यालय मौजूद हैं. ऐसे में फायर विभाग ने अब इन विभागों को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ फायर सेफ्टी के उल्लंघन मामले में कार्रवाई की जाए?

इन इमारतों में फायर सेफ्टी से खिलवाड़ : सूत्रों के मुताबिक, जिन इमारतों में फायर सेफ्टी से खिलवाड़ किया जा रहा है, उनमें विधायक आवास-5 मीराबाई मार्ग, बहुखंडीय मंत्री आवास डालीबाग, बटलर पैलेस काॅलोनी डालीबाग, ओसीआर बिल्डिंग विधायक निवास -3, विधान सभा मार्ग, नवनिर्मित मंत्री आवास 3 तिलक मार्ग डालीबाग, जवाहर भवन अशोक मार्ग, इंदिरा भवन अशोक मार्ग, शक्ति भवन अशोक मार्ग, डीआरएम कार्यालय NR मुख्य कार्यालय, डीआरएम कार्यालय NER मुख्य कार्यालय, इनकम टैक्स भवन अशोक मार्ग और इंटीलेजेंस मुख्यालय गोखले मार्ग शामिल है.

12 सरकारी बिल्डिंग की व्यवस्थाओं को देख फायर विभाग नाराज : फायर सेफ्टी विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार के मुताबिक, बीते माह राजधानी में सरकारी भवनों का निरीक्षण किया गया था. जहां फायर एनओसी के साथ-साथ फायर सेफ्टी उपकरण, आग से निपटने के लिए संसाधनों और आग लगने पर बिल्डिंग से सकुशल बच निकलने के रास्तों की जांच की गई थी. इस दौरान करीब 12 ऐसी सरकारी इमारतें थीं, जिनके पास न ही फायर एनओसी थी और न ही वहां आग से निपटने के संसाधन व सकुशल बाहर निकलने के रास्ते मौजूद थे. इन सभी 12 बिल्डिंग्स को नोटिस जारी की गई है. इन सभी बिल्डिंग में कुछ केंद्र व कुछ राज्य सरकार के विभाग और आवास मौजूद हैं.

फायर विभाग के मुताबिक, समय-समय पर विभाग स्तर पर टीम बनाई जाती हैं, जो सभी बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी के हर पहलुओं पर जांच करती हैं. निरीक्षण के दौरान कुछ सरकारी भवन व विभागों में कमी मिली थी, जिनके पास फायर एनओसी भी नहीं थी. उन्हें पहले नोटिस दी गई थी. यदि समय से फायर एनओसी नहीं ली जाती है तो उनके खिलाफ उप्र अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माने से लेकर बिल्डिंग सीजिंग की कार्रवाई शामिल है.

यह भी पढ़ें : नया फायर सेफ्टी एक्ट: अब नहीं दिया जाएगा NOC, महिलाएं बुझाएंगी आग और युवाओं को मिलेगा रोजगार, जानें कैसे?

यह भी पढ़ें : तीन सेकेंड में फंसी लिफ्ट खोल देंगे फायर विभाग के जादूई टूल्स, फायर विभाग ने कही ऐसी बात

लखनऊ : राजधानी में बीते दिनों खनिज विभाग और राजकीय निर्माण निगम के कार्यालय में भीषण आग लग गई. गनीमत रही की आग में जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन यहां रखी महत्वपूर्ण फाइल जलकर राख हो गईं. जांच यूपी एसटीएफ कर रही है. आखिर आग कैसे लगी? ईटीवी भारत आपको बताएगा कि लखनऊ के कौन से सरकारी विभागों की बिल्डिंग खतरनाक हैं और आखिर कि बड़े सरकारी विभागों की बिल्डिंग में काम करने वाले और वहां आने-जाने वाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

यूपी की राजधानी में वर्ष 2022 को हुए होटल लेवाना अग्निकांड के बाद फायर डिपार्टमेंट हरकत में आया था और शहर के सभी हाई राइज बिल्डिंग, कमर्शियल इमारत, होटल और सरकारी भवनों का फायर विभाग ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान फायर विभाग ने सैकड़ों होटल और कमर्शियल इमारतों में फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी पाई. इसके अलावा अधिकांश बिल्डिंग या संस्थान प्रबंधन ने फायर एनओसी नहीं ले रखी थी. लेकिन, इसी निरीक्षण के दौरान फायर विभाग को राजधानी के एक दर्जन ऐसी सरकारी भवनों और कार्यालयों में फायर सेफ्टी से खिलवाड़ होता दिखा, जहां रोजाना सैकड़ों लोगों का आना जाना होता है. कई तो ऐसी इमारते हैं जहां विधायक, आईएएस, आईपीएस अफसर और मंत्री तक के आवास और कार्यालय मौजूद हैं. ऐसे में फायर विभाग ने अब इन विभागों को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ फायर सेफ्टी के उल्लंघन मामले में कार्रवाई की जाए?

इन इमारतों में फायर सेफ्टी से खिलवाड़ : सूत्रों के मुताबिक, जिन इमारतों में फायर सेफ्टी से खिलवाड़ किया जा रहा है, उनमें विधायक आवास-5 मीराबाई मार्ग, बहुखंडीय मंत्री आवास डालीबाग, बटलर पैलेस काॅलोनी डालीबाग, ओसीआर बिल्डिंग विधायक निवास -3, विधान सभा मार्ग, नवनिर्मित मंत्री आवास 3 तिलक मार्ग डालीबाग, जवाहर भवन अशोक मार्ग, इंदिरा भवन अशोक मार्ग, शक्ति भवन अशोक मार्ग, डीआरएम कार्यालय NR मुख्य कार्यालय, डीआरएम कार्यालय NER मुख्य कार्यालय, इनकम टैक्स भवन अशोक मार्ग और इंटीलेजेंस मुख्यालय गोखले मार्ग शामिल है.

12 सरकारी बिल्डिंग की व्यवस्थाओं को देख फायर विभाग नाराज : फायर सेफ्टी विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार के मुताबिक, बीते माह राजधानी में सरकारी भवनों का निरीक्षण किया गया था. जहां फायर एनओसी के साथ-साथ फायर सेफ्टी उपकरण, आग से निपटने के लिए संसाधनों और आग लगने पर बिल्डिंग से सकुशल बच निकलने के रास्तों की जांच की गई थी. इस दौरान करीब 12 ऐसी सरकारी इमारतें थीं, जिनके पास न ही फायर एनओसी थी और न ही वहां आग से निपटने के संसाधन व सकुशल बाहर निकलने के रास्ते मौजूद थे. इन सभी 12 बिल्डिंग्स को नोटिस जारी की गई है. इन सभी बिल्डिंग में कुछ केंद्र व कुछ राज्य सरकार के विभाग और आवास मौजूद हैं.

फायर विभाग के मुताबिक, समय-समय पर विभाग स्तर पर टीम बनाई जाती हैं, जो सभी बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी के हर पहलुओं पर जांच करती हैं. निरीक्षण के दौरान कुछ सरकारी भवन व विभागों में कमी मिली थी, जिनके पास फायर एनओसी भी नहीं थी. उन्हें पहले नोटिस दी गई थी. यदि समय से फायर एनओसी नहीं ली जाती है तो उनके खिलाफ उप्र अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माने से लेकर बिल्डिंग सीजिंग की कार्रवाई शामिल है.

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