नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन के खिलाफ फरवरी 2020 में दर्ज एक एफआईआर को निरस्त कर दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि ताहिर हुसैन के खिलाफ पहले से दर्ज एक और एफआईआर में एक ही घटना का जिक्र है. कोर्ट ने कहा कि इस एफआईआर को पहले से दर्ज एफआईआर में पूरक चार्जशीट के रुप में माना जाए.
हाईकोर्ट ने जिस एफआईआर को निरस्त किया है वो 27 फरवरी 2020 को दर्ज किया गया था. 27 फरवरी 2020 को दर्ज एफआईआर में एक भवन की पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाने और दंगा करने का आरोप दर्ज है. जबकि 25 फरवरी 2020 को दर्ज पहले एफआईआर में भी उसी भवन में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. दोनों ही एफआईआर में एक पुलिसकर्मी की शिकायत पर दर्ज किया गया था. कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने दोनों एफआईआर में नौ चश्मदीद गवाह साझे हैं. उसके बाद कोर्ट ने दूसरे एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दिया.
बता दें कि ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोप में भी एफआईआर दर्ज किया गया है. इस मामले में फिलहाल कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोप तय करने पर सुनवाई चल रही है. ताहिर हुसैन के खिलाफ साजिश रचने के मामले में 6 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज किया गया था. उसके बाद अब तक एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इस मामले में उमर खालिद समेत 18 आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल किया गया है.
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