नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने पर मरीजों को जान तक गवानी पड़ी है. झोलाछाप से तात्पर्य है ऐसे लोग, जिनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही क्लीनिक को चलाने के लिए कोई लाइसेंस, फिर भी यह लोग क्लीनिक का संचालन कर मरीजों को इलाज उपलब्ध करा रहे हैं. मोटी रकम कमाने के लिए झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. झोलाछाप डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है.
गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों की तरफ से झोलाछाप डॉक्टरों को चिह्नित किया जा रहा है. सोमवार से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गाजियाबाद में झोलाछाप डॉक्टरों को चिह्नित कर कार्रवाई करने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन करने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. खांसी, जुकाम, उल्टी, दस्त से लेकर झोलाछाप डॉक्टर सांस तक के मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जो मरीज के लिए बेहद खतरनाक है.
गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दो टीमों का गठन किया गया है. जिन क्षेत्रों से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन करने पर 16 लोगों पर स्वास्थ्य विभाग ने एफआईआर दर्ज करवाई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमों की तरफ से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर ऐसे क्लीनिक को भी चिह्नित किया जा रहा है जिनका संचालन अनक्वालिफाइड व्यक्ति द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं. कई बार देखा गया है कि अस्पतालों में मरीज को इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ता है. जानकारी होने पर पता चलता है कि मरीज ने झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया था, जिसके चलते हालत गंभीर हो गई और अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.
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