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फर्जी सर्टिफिकेट पर ली थी चौकीदार की नौकरी, एफआईआर दर्ज - watchman job on fake certificate

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

Job on fake certificate. पलामू में फर्जी सर्टिफिकेट के तहत चौकीदार की नौकरी पाने वाले व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया गया. इसके पहले भी उसे दो बार बर्खास्त किया गया था.

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शहर थाना, मेदनीनगर (ETV BHARAT)

पलामू: जिले में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर चौकीदार की नौकरी लेने का एक मामला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद मेदिनीनगर टाउन थाना में चौकीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है. यह मामला गढ़वा के धुरकी थाना क्षेत्र का है.

साल 2010 में गढ़वा के धुरकी के फाटापानी के उपेंद्र तुरिया की अनुकंपा के आधार पर चौकीदार के पद पर नियुक्ति हुई थी. नियुक्ति के दौरान उपेंद्र की तरफ से शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा किया गया था, जो भवनाथपुर के केतार के स्कूल का था. 2014 में गढ़वा जिला प्रशासन की तरफ से शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की गई थी, जिसमें प्रमाण पत्र फर्जी निकला. इसके बाद चौकीदार उपेंद्र तुरिया को बर्खास्त कर दिया गया.

इस मामले में उपेंद्र तुरिया की ओर से पलामू के कमिश्नर के पास अपील की गई थी, जिसके बाद उसे दोबारा नौकरी पर बहाल कर दिया गया. हालांकि जांच जारी थी. 2018 में मुख्य सचिव की ओर से अनुकंपा पर आधारित चौकीदार की नियुक्ति मामले में रिपोर्ट मांगी गई. इस दौरान फिर से उपेंद्र तुरिया ने शैक्षिक प्रमाण पत्र दिया, जो फर्जी पाया गया और फिर से उसे बर्खास्त कर दिया गया.

पूरे मामले में पलामू कमिश्नर कार्यालय की ओर से उपेंद्र तुरिया को शोकॉज किया गया था, लेकिन उपेंद्र तुरिया ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. पूरे मामले में पलामू कमिश्नर कार्यालय की ओर से मेदिनीनगर टाउन थाना में उपेंद्र तुरिया के खिलाफ आवेदन दिया गया. मेदिनीनगर टाउन थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि आवेदन में कहा गया कि उपेंद्र तुरिया ने चौकीदार बहाली में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था. इसके बाद शुरुआती जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई और आगे की कानूनी कार्रवाई की शुरू कर दी गई है.

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पलामू: जिले में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर चौकीदार की नौकरी लेने का एक मामला सामने आया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद मेदिनीनगर टाउन थाना में चौकीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है. यह मामला गढ़वा के धुरकी थाना क्षेत्र का है.

साल 2010 में गढ़वा के धुरकी के फाटापानी के उपेंद्र तुरिया की अनुकंपा के आधार पर चौकीदार के पद पर नियुक्ति हुई थी. नियुक्ति के दौरान उपेंद्र की तरफ से शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा किया गया था, जो भवनाथपुर के केतार के स्कूल का था. 2014 में गढ़वा जिला प्रशासन की तरफ से शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की गई थी, जिसमें प्रमाण पत्र फर्जी निकला. इसके बाद चौकीदार उपेंद्र तुरिया को बर्खास्त कर दिया गया.

इस मामले में उपेंद्र तुरिया की ओर से पलामू के कमिश्नर के पास अपील की गई थी, जिसके बाद उसे दोबारा नौकरी पर बहाल कर दिया गया. हालांकि जांच जारी थी. 2018 में मुख्य सचिव की ओर से अनुकंपा पर आधारित चौकीदार की नियुक्ति मामले में रिपोर्ट मांगी गई. इस दौरान फिर से उपेंद्र तुरिया ने शैक्षिक प्रमाण पत्र दिया, जो फर्जी पाया गया और फिर से उसे बर्खास्त कर दिया गया.

पूरे मामले में पलामू कमिश्नर कार्यालय की ओर से उपेंद्र तुरिया को शोकॉज किया गया था, लेकिन उपेंद्र तुरिया ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. पूरे मामले में पलामू कमिश्नर कार्यालय की ओर से मेदिनीनगर टाउन थाना में उपेंद्र तुरिया के खिलाफ आवेदन दिया गया. मेदिनीनगर टाउन थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि आवेदन में कहा गया कि उपेंद्र तुरिया ने चौकीदार बहाली में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था. इसके बाद शुरुआती जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई और आगे की कानूनी कार्रवाई की शुरू कर दी गई है.

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