कोटद्वार: बीते दिनों पूर्व सैनिक संघर्ष समिति व कोटद्वार स्वय सेवी संगठनों ने मालन पुल पुनर्निर्माण के लिए सरकार के दबाव बनाया. कोटद्वार विधायक एवं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी भूषण को भी जानकारी दी गई. जिसके बाद इस पर काम तेज हुआ. आज मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मालन पुल निर्माण के लिए 26 करोड़ 75 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दे दी है.
बता दें भाबर क्षेत्र को 70 हजार की आबादी को जोड़ने वाला मालन नदी पर बने पुल को टूटे सात माह से ज्यादा का समय हो गया है. 13 जुलाई 2023 को आपदा की भेंट चढ़े पुल के पुनर्निर्माण के सात माह बाद विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की है. 13 जुलाई 2023 को मालन नदी पर बने का पिल्लर धंसने से एक युवक की मौत हो गई थी. बता देंं राज्य सरकार ने नम्बर 2022 में पुलों का सेफ्टी आडिट करवा. जिसमें 36 पुल आवागमन के लिए असुरक्षित थे. जिसमें मालन नदी पर बना पुल असुरक्षित बताया गया. विभाग ने गंम्भीरता दिखाई होती तो मालन पुल का पिल्लर नहीं धंसता.
कोटद्वार भाबर के मध्य बहने वाली मालन नदी में 2007 में पुल का शिलान्यास बीसी खंडूड़ी के कार्यकाल में किया गया. 2010 में रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में लोकार्पण किया गया. 100 वर्ष तक चलने वाला पुल 13 वर्ष में जमींदोज हो गया. स्थानीय लोगों की मानें तो मालन पुल के नजदीक अवैध खनन के चलते पुल का पिल्लर धंसा. बीते दिनों पूर्व सैनिक संघर्ष समिति व कोटद्वार स्वय सेवी संगठनों ने सरकार के दबाव बनाया मालन पुल का निर्माण अतिशीघ्र किया जाय. कोटद्वार विधायक एवं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी भूषण को भी जानकारी दी गई. जिसके बाद इस पर काम तेज हुआ. आज मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मालन पुल निर्माण के लिए 26 करोड़ 75 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दे दी है.
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