उत्तरकाशी: जिले में ट्रैकर्स की सुरक्षा और सुगमता के दृष्टिगत ट्रैकिंग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अंतिम ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. जिलाधिकारी के निर्देशानुसार इस एसओपी के प्रारूप और ट्रैकिंग की ऑनलाइन अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के साथ परीक्षण किया जाएगा उसके बाद शीघ्र अंतिम रूप देकर लागू कर किया जाएगा.
उत्तरकाशी में ट्रैकिंग व्यापार आय का प्रमुख स्रोत: जिले की गंगा, यमुना और टोंस घाटी में अनेक आकर्षक और चुनौतीपूर्ण ट्रैक रूट मौजूद हैं. साल भर बड़ी संख्या में देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से ट्रैकर्स के आने का सिलसिला बना रहता है, जिसके चलते ट्रैकिंग व्यापार इस जिले की आर्थिकी का एक प्रमुख स्रोत बन गया है. इस सेक्टर में कार्यरत स्थानीय लोगों और अन्य हितधारकों के साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा, सुविधा और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने ट्रैकिंग के लिए जिलास्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाए जाने के निर्देश देते हुए इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी.
समिति में माउंटेनियरिंग संगठन के पदाधिकारी शामिल: समिति में पर्यटन विभाग, वन विभाग, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, एसडीआरएफ,पुलिस और आपदा प्रबंधन आदि विभागों के अधिकारियों के साथ ही स्थानीय ट्रैकिंग व माउंटेनियरिंग संगठन के पदाधिकारियों को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया था. इस समिति द्वारा सभी हितधारकों की राय लेने के बाद मानवीय और पर्यावरणीय सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए ट्रैकिंग की एसओपी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इस ड्राफ्ट में ट्रैक रूटों के आसान, मध्यम और कठिन श्रेणी में वगीकृत करते हुए उन पर ट्रैंकिग के लिए मानकों व आवश्यक व्यवस्थाओं का निर्धारण किया गया है. साथ ही ट्रैकिंग एजेंसी और एग्रीगेटर्स के लिए भी मानक तय कर उनकी ऑडिटिंग के प्रावधान किए गए हैं.
सिंगल विंडो सिस्टम में आवश्यक प्रावधान करने के निर्देश: बैठक में जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को ट्रैकिंग गंतव्यों की धारण क्षमता बढ़ाने के उपाय करने के साथ ही ट्रैक रूटों और पड़ावों पर फाइबर हट समेत अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने की अपेक्षा की. वहीं, जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि इसके लिए पहले चरण में 10 प्रमुख ट्रैक रूटों को सुधारने का काम किया जाए. साथ ही डीएम ने इस एसओपी के अनुसार ट्रैकिंग की अनुमति देने और निगरानी रखने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम में आवश्यक प्रावधान किए जाएं और स्थानीय ट्रैकिंग व माउंटेनियरिंग संगठनों की सहमति के अनुरूप इस व्यवस्था का परीक्षण करने के बाद जल्द लागू करने का प्रयास किया जाए.
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